– कौन दे रहा संरक्षण मनपा या महारेरा या फिर मंत्री
नागपुर :- नागपुर की महानगरपालिका या नागपुर सुधार प्रन्यास शहर के आम गोर-गरीब रहवासियों द्वारा 100 फुट भी ज्यादा निर्माणकार्य कर लिए या सरकारी/सार्वजानिक जगह अपने कब्जे में कर लिए तो उक्त दोनों प्रशासन की मुस्तैदी देखते ही बनती हैं.वहीं दूसरी ओर शहर का अधिकांश महत्वपूर्ण क्षेत्र और सरकारी संपत्ति अतिक्रमण के चपेट में हैं लेकिन उस ओर उक्त दोनों प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई हैं.
और तो और मनपा के 100 मीटर और नासुप्र के 300 मीटर और महारेरा के लगभग 1 किलोमीटर अंतर्गत शहर की सबसे ऊँची ईमारत का फुरसत से निर्माणकार्य चल रहा हैं.इस ईमारत के नक़्शे की तथाकथित मंजूरी के बाद तुरंत सभी फ्लैट बुक हो गए,बुक करने वाले अधिकांश शहर और बाहरी चर्चित नागरिक हैं,जिनका नाम गोपनीय रखा गया हैं.इनमे से अधिकांश राजनैतिक दबाव में बुक किए,क्यूंकि उन्हें मंत्री से कभी काम था या करवाना था.
जब इस इमारत का मूल क्षेत्रफल का पता लगाया गया तो पता चला कि जगह सिर्फ 30,000 वर्गफुट ही हैं और कुल बांधकाम 3,00,000 वर्गफुट होने वाला हैं,अर्थात किया जा चूका हैं.इस सम्बन्ध में मनपा प्रशासन,मनपा नगर रचना विभाग,महारेरा के संबंधितों से जानकारी मांगी तो देने से मना किये,यह निर्देश दिए RTI में मांगों।
मनपा में चर्चा है कि उक्त इमारत के निर्माता पर एक मंत्री मेहरबान हैं.जिनके शह पर विवादास्पद बांधकामों को शहर भर में अंजाम दिया जा रहा हैं.इस सम्बन्ध में जब हमारे प्रतिनिधि ने ईमारत के निर्माता कंपनी से संपर्क करने की कोशिश की तो जवाब मिला कि ‘अभी TIME नहीं हैं ….