नागपुर :- पिछले कुछ वर्षों से शहर के हजारों ओला उबर टैक्सी चालक कंपनी के शोषण और परिवहन विभाग की गलत नीतियों से प्रताड़ित हो रही हैं.
एप बेस्ड एग्रीगेटर टैक्सी कंपनीयों ने देश के लाखों बेरोजगार टैक्सी चालकों को टैक्सी व्यवसाय में भारी मुनाफे का लालच दिखाकर टैक्सी पार्टनर्स का दर्जा देकर अपने व्यवसाय में शामिल किया.
लाखों बेरोजगार टैक्सी चालकों ने अपने घर बार बेचकर, साहूकारों,सरकारी और निजी बैंकों,फायनेंस कंपनियों से कर्जा लेकर कंपनियों के नियम और शर्तों के अनुसार नई टैक्सीयाँ खरीदी.
कुछ ही वर्षों में कंपनी की ओर से टैक्सी पार्टनर्स से सेवाओं पर आनन फानन शुल्क वसूली करके मुनाफा कम कर दिया. पिक अप सेवाओं पर चार्जेस न देना,एसी उपयोग के अतिरिक्त चार्जेस न देना,पीड़ित टैक्सी चालकों की शिकायतों का निवारण न करके यात्रियों की शिकायतों को ही प्राथमिकता देकर सजा के तौर पर सेवा से निलंबित करने जैसी कार्यवाही की जा रही हैं.
कोरोना महामारी के दौरान कोरोना महामारी से और दुर्घटनाओं के दौरान मारे गए सैकड़ों टैक्सी चालकों के परिवारों को ओला उबर टैक्सी कंपनी ने किसी भी प्रकार की आर्थिक मुआवजा नहीं दिया.
कंपनी की ओर से टैक्सी पार्टनर्स के लिए किसी भी प्रकार की सुरक्षा,संरक्षण,सुविधा न मिलने से देश के लाखों टैक्सी चालकों का भविष्य इन निजी एप बेस्ड एग्रीगेटर कंपनियों के व्यवसाय में दांव पर लगा हुआ हैं.
आरटीओ और महानगर पालिका की ओर से शहर में ऑटो रिक्शा टैक्सी चालकों की तरह ओला उबर टैक्सी चालकों को भी वाहन पार्किंग सुविधा नहीं होने से ट्राफीक पुलिस के चालान खतरा हमेशा सिर पर मंडरा रहा हैं.
रेल्वे स्टेशन पर भी ओला उबर टैक्सी चालकों को वाहन पार्किंग सुविधा न मिलने से और यात्रियों के लिए पिक अप सुविधा नहीं होने से टैक्सी चालकों को यात्रियों के गुस्से और कंपनी से शिकायतों का बार बार शिकार होना पड़ रहा हैं.
यातायात विभाग द्वारा ओला उबर टैक्सी चालकों पर तरह तरह के बेफालतू के नियम और शर्तों को लादकर भारी भरकम जुर्माना,सेवा शुल्क वसूली करके आर्थिक,मानसिक और शारीरिक शोषण किया जा रहा हैं.
इन सभी प्रताड़नाओं से तंग आकर टैक्सी चालकों के संगठन विदर्भ एप बेस्ड टैक्सी युनियन के सदस्य श्री दीपक साने ने मंगलवार को राज्य सेवा हक्क आयुक्त श्री अभय यावलकर के पास लिखित रूप में शिकायत की.
शिकायत में ओला कंपनी के डायरेक्टर,राज्य परिवहन आयुक्त,विभागीय आयुक्त नागपुर,जिलाधिकारी,पुलिस आयुक्त और पुलिस उपायुक्त (यातायात) पर शिकायतों पर संज्ञान न लेने और दोषी प्रतिनिधियों पर कानूनी कार्यवाही नहीं करने का आरोप लगाया गया हैं.
राज्य लोकसेवा हक्क आयुक्त अभय यावलकर ने शिकायत का संज्ञान लेते हुए संबंधित विभागों को नोटिस जारी करने का युनियन को आश्वासन दिया हैं.