GST अमनेस्टी योजना के दायरे को बढ़ाने का आग्रह – NVCC

नागपूर :- NVCC, एक प्रमुख व्यापार निकाय ने सूचित किया कि GST परिषद की 53वीं बैठक में GST अमनेस्टी योजना का प्रावधान किया गया है, जिसमें GST लागू होने के प्रारंभिक वर्षों जैसे वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए ब्याज और पेनल्टी की छूट दी गई है। CGST अधिनियम 2017 में एक नया सेक्शन 128। जोड़ा गया है, जो करदाताओं को ब्याज और पेनल्टी में राहत प्रदान करता है। योजना के तहत यह कहा गया है कि यदि कोई करदाता इन प्रारंभिक वर्षों के लिए उत्पन्न GST मांग का 100ः टैक्स का भुगतान कर चुका है, तो संबंधित ब्याज और पेनल्टी पूरी तरह से माफ कर दी जाएगी।

इसके बाद CBIC द्वारा एक FAQ जारी किया गया, जिसमें कई परिस्थितियों में इस अमनेस्टी लाभ को नकारा गया, जबकि कानून के प्रावधान के तहत राहत दी गई थी। हमें ऐसा लगता हैं कि इस प्रकार का आधे-अधूरे तरीके से जारी किया गया FAQ और सर्कुलर, कानून के प्रावधान में दिए गए अधिकारों को दरकिनार करता है।

अर्जुनदास आहुजा, अध्यक्ष NVCC ने बताया कि कर प्रशासन FAQ की गलत व्याख्या इस प्रकार कर रहे हैं कि यह योजना केवल उन मांगों के लिए पात्र है, जहां इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का मिलान नहीं है, जबकि वे स्वयं यह स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं कि देरी से कर भुगतान के लिए छूट का लाभ कैसे मिलेगा। इसके अलावा, GST R1 या GST R9 में स्वयं घोषित देनदारी, लेकिन GST R3B में कर का विलंब से भुगतान करने वाले करदाताओं को भी इस अमनेस्टी योजना के तहत कवर किया जाना चाहिए, हालांकि कर प्रशासन इसे नकार रहा है।

रितेश मेहता, चार्टर्ड एकाउंटेंट और अप्रत्यक्ष कर समिति के संयोजक ने बताया कि विभाग द्वारा विलंब से भुगतान ब्याज, देर से शुल्क, GST R1 की देर से फाइलिंग आदि के लिए कई मांगें उठाई गई हैं, और ऐसी अमनेस्टी योजना को इन मांगों को भी कवर करना चाहिए। इसके अलावा, कई मामलों में विभाग ने करदाता का आकलन धोखाधड़ी, झूठी प्रस्तुति आदि के तहत किया है, जो कि धारा 74 के तहत आता है, जो इस योजना के लिए पात्र नहीं है, लेकिन यदि सही तरीके से विचार किया जाए तो ये मामले धोखाधड़ी, झूठी प्रस्तुति आदि की श्रेणी में नहीं आते हैं।

कर प्रशासन द्वारा किए गए ये सभी नकारे गए प्रयास इस अमनेस्टी योजना की सफलता पर बुरा असर डाल रहे हैं और बहुत कम करदाता इस योजना का लाभ उठाने के लिए आगे आ रहे हैं। सरकार को एक उपयुक्त स्पष्टीकरण जारी करना चाहिए, ताकि ऐसी सभी परिस्थितियों को GST अमनेस्टी योजना के लिए पात्र बनाया जा सके, तभी इस योजना को अच्छा प्रतिसाद मिलेगा। GST के प्रारंभिक वर्ष में, कानून नया था और अनुपालन बहुत जटिल था, जिसके कारण करदाताओं से कुछ निष्कपट गलतियां हुईं और यह योजना उन निष्कपट गलतियों को राहत देने के लिए है। अमनेस्टी योजना लाने का उद्देश्य प्रारंभिक वर्षों में की गई गलतियों के लिए पूरे दिल से लाभ देना और साथ ही मुकदमेबाजी को कम करना था, लेकिन कर प्रशासन द्वारा की गई ऐसी संकुचित व्याख्या इसे असफल बना रही है।

उपरोक्त जानकारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से अध्यक्ष अर्जुनदास आहुजा ने दी।

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