राष्ट्रीय जल मिशन ने पानी की कमी से जूझ रहे देशभर के 150 जिलों का दौरा करने वाले केंद्रीय नोडल अधिकारियों और तकनीकी अधिकारियों के लिए कार्यशाला आयोजित की
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने अधिकारियों से जेएसए: सीटीआर अभियान में पूरी सक्रियता से भाग लेने और उत्प्रेरक के तौर पर काम करने का आग्रह किया। साथ ही अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए जिला स्तर के अधिकारियों को प्रोत्साहित करने की बात कही
नई दिल्ली :-राष्ट्रीय जल मिशन (एनडब्ल्यूएम), जलसंसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग (डीओडब्ल्यूआर), जल शक्ति मंत्रालय ने आज जनपथ, नई दिल्ली स्थित डॉ. अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में कार्यशाला-सह-उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया। यह उन केंद्रीय नोडल अधिकारियों (सीएनओ) और तकनीकी अधिकारियों (टीओ) के लिए था, जो ‘जल शक्ति अभियान: कैच द रेन’- 2023 (जेएसए: सीटीआर) का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए जल की कमी से जूझ रहे 150 जिलों का दौरा करेंगे। सीएनओ और टीओ की केंद्रीय टीम मॉनसून से पहले और मॉनसून के बाद तय किए गए जिलों का दो बार दौरा करेगी। इस कार्यशाला में उनकी भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। साथ ही अधिकारियों के सामने एक मिशन और विजन रखा गया। 2023 का यह अभियान 4 मार्च 2023 से 30 नवंबर 2023 तक देश के सभी जिलों (ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों) में चलाया जा रहा है। इसका विषय ‘पेयजल के लिए स्थिर स्रोत’ है।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कार्यशाला की अध्यक्षता की। सभा को संबोधित करते हुए शेखावत ने कहा, ‘प्रधानमंत्री के जल संचय के मंत्र से प्रेरित होकर जल शक्ति मंत्रालय ने ‘जल आंदोलन’ को एक ‘जन आंदोलन’ बनाने के लिए 2019 में जल शक्ति अभियान शुरू किया था। हमारे प्रधानमंत्री ने जल संरक्षण और पानी के महत्व पर विशेष ग्राम सभाएं आयोजित करने के लिए 2.6 लाख गांवों के सरपंचों को पत्र लिखा।’ केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि जेएसए: सीटीआर- 2023 साल 2019 से शुरू किए गए जल शक्ति अभियान श्रृंखला की चौथी कड़ी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि कोई भी अभियान सामुदायिक भागीदारी, खासतौर से जमीनी स्तर के प्रयासों से ही सफल हो सकता है। उन्होंने सीएनओ और टीओ से अभियान में सक्रियता के साथ भाग लेने का आग्रह किया। मंत्री ने कहा कि अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए उत्प्रेरक की भूमिका निभाते हुए जिला स्तर के अधिकारियों एवं प्रशासन को प्रोत्साहित करने की जरूरत है।