नागपूर:- शिकायत देने के लिए पुलिस थाने में गई सूचना अधिकार कार्यकर्ता एड. अंकिता शाह से मारपीट करना पुलिस को काफी महंगा पड़ा है. 3 वर्ष पूर्व हुई इस घटना में रा’य मानवाधिकार आयोग ने दो पुलिस अधिकारी और दो महिला पुलिस कर्मचारियों को कुल ढ़ाई लाख का जुर्माना ठोंका है.
लकडग़ंज थाने के तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक नरेंद्र हिवरे, उपनिरीक्षक भावेश कावरे, महिला पुलिस हवलदार माधुरी खोबरागडे और चेतना इन चारों ने यहां जुर्माने की राशि एकत्र तरीके से अगले 6 माह में भरनी है. अन्यथा 12 प्रतिशत ब्याज सहित उसे भरे, ऐसा आदेश आयोग के सदस्य एम.ए. रशिद ने दिए. मारपीट की यह घटना 24 मार्च 2०21 को लकडग़ंज पुलिस थाने में हुई थी. एक मामले में पुलिस शिकायत दर्ज करने शाह और उनके पति नीलेश मखीजा के साथ पुलिस थाने में गई थी. वहां उनका पुलिस से विवाद हुआ. मुझे पुलिस ने मारपीट करने का आरोप शाह ने लगाया था. परंतु कई बार प्रयास करने के बाद भी पुलिस ने मामला दर्ज न करने से अंत में उन्होंने मानवाधिकार आयोग से गुहार लगाई. आयोग ने सुनवाई के बाद सबूत के आधार पर 3० मई 2०23 को उपरोक्त फैसला दिया तथा शाह को संबंधित पुलिस के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए कोर्ट से न्याय मांगने की स्वतंत्रता होने की भी बात न्यायालय ने स्पष्ट की. इस बारे में शाह से संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि मैं संबंधित पुलिस आयुक्त से निवेदन प्रस्तुत करूंगी. कुछ समय तक प्रतीक्षा करने के बाद फिर भी मामला दर्ज ना हुआ तो मैं कोर्ट से न्याय मांगूंगी.