– संस्कारों ने सिखाई परिपाटी बलिदान की
नागपूर :- नागपूर महानगरपालिका के तत्वावधान में लोटस कल्चरल एण्ड सपोर्टिंग असोसिएशन प्रबंधन तथा पूर्व महापौर दया शंकर तिवारी के संयोजन में भारतरत्न अटलबिहारी वाजपेयी के जन्म दिवस तथा गांधी बाग उद्यान के नूतनीकरण की वर्षगांठ पर गांधी बाग उद्यान के खुले रंगमंच में अखिल भारतीय हास्य व्यंग्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. उद्घाटन कार्यक्रम का संचालन तथा आमंत्रित कवियों का परिचय क्षमाशंकर तिवारी नें किया इस अवसर पर पूर्व महापौर दयाशंकर तिवारी, रमेश मंत्री, पूर्व विधायक गिरीश व्यास, विधायक प्रवीण दटके, गिरधारी मंत्री, विपुल मिश्रा, जयप्रकाश गुप्ता, श्रीकांत आगलावे उपस्थित थे. इसमे भारत वर्ष के ख्यातनाम कवियों ने अपनी रचनाओं से सारे वातावरण में रस माधुरी घोल दी.
कवि सम्मेलन का आगाज गाजियाबाद से पधारी कवयित्री दुर्गेश नंदिनी श्रीवास्तव की सरस्वती वंदना से हुई. इस कवि सम्मेलन का शानदार जानदार तथा सारगर्भित संचालन तेज नारायण शर्मा ‘बेचैन’ ने किया. इसके संचालक ने कवि सम्मेलन के पहले पुष्प के रूप में उदयपुर से पधारे हास्य व्यंग्य के उदीयमान कवि मनोज गुर्जर को बुलाया. उन्होंने अपनी हास्य की क्षणिकाओं तथा तीखे व्यंग्य बाणों से वातावरण को ठहाके लगाने के लिए विवश कर दिया हास्य पढ़ते पढ़ते उन्होंने अनेक संदेश भी दिए. एक बानगी देखिए बैरी सन्मुख हो तो रण का बिगुल बजाना पड़ता है भारत माता के चरणों में शीश चढ़ाना पड़ता है मिल जाती क्या केवल यूँ ही चरखा लाठी खादी से आज़ादी के लिए हमेशा खून बहाना पड़ता है.
इसके बाद कवि सम्मेलन को आगे बढ़ाते हुए संचालक ने हास्य के चितेरे कवि अशोक भाटी उज्जैन को आवाज दी. जो वातावरण पहले कवि के द्वारा बनाया गया था उस वातावरण को आगे भी और अधिक आल्हादित बनाते हुए भाटी ने अपनी अनोखी शैली मे अपनी रचनाएं पढ़नी शुरू की और इस आयोजन में उपस्थित विशाल जनसमूह ने तालियों की गड़गड़ाहट से ऐसा तड़का लगाया कि समस्त आयोजन अपने उपलब्धि पर गर्व करने लगा. उनके शब्द देखिए पीते है तो तबीयत खराब होती है नहीं पीते है तो नीयत खराब होती है एक दिन पीते एक दिन नहीं पीते ना तबीयत खराब होती है ना नीयत खराब होती है संचालक ने इसके बाद इसके उपरांत रस परिवर्तन करते हुए गाजियाबाद से पधारी गीत तथा ग़ज़ल की कवयित्री नंदिनी श्रीवास्तव को काव्य पाठ के लिए आमंत्रित किया उन्होंने आते ही एक से बढ़कर एक मुक्तकों की झड़ी लगा दी. वे बोली नहीं अब तक कहीं है वो बात अनकही समझो अगर समझो तो दिल से ही जहन से तुम नहीं समझो हृदय की बंद परते खोल कर रख दी सभी मैंने ये तुम पर है कि तुम इसको गलत समझो सही समझो
इसके बाद उत्तर प्रदेश के इटावा से पधारे युवा वीर रस के कवि राम भदावर को बुलाया जिन्होंने कवि सम्मेलन की गरिमा को उच्च सोपानों तक पहुंचा दिया उन्होंने एक से बढ़कर एक वीर रस की कविता सुनाई. उन्होंने कहा संस्कारों ने सिखाई परिपाटी बलिदान की इसलिए गाने लगा माटी मैं बलिदान की
अंतिम काव्य पाठ संचालक व वरिष्ठ हास्य व्यंग्य कवि तेज नारायण शर्मा ने किया उन्होंने अव्वल दर्जे के व्यंग्य सुनाए. राजनीति समाज घर परिवार सभी क्षेत्रों में होते हुए कई अंतरराष्ट्रीय विषयों पर भी उन्होंने बेहतरीन व्यंग्य सुनाए. व्यंग्य से हास्य तथा हास्य से ओज तक की यात्रा उन्होंने अपने काव्य पाठ में पूर्ण की. ये पंक्तियाँ जनता ने खूब सराहा युग की टेर लिए बैठी है मन के फ़ेर लिए बैठी है रघुनन्दन अब तो आ जाओ शबरी बेर लिए बैठी है. दयाशंकर तिवारी “मौन” ने भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी पर एक सुंदर गीत प्रस्तुत किया.
संयोजक दयाशंकर तिवारी ने सभी कवियों नागपुर महानगरपालिका तथा उपस्थित सभी साहित्य प्रेमी जनता का आभार माना. कार्यक्रम के सफलता के लिए नागपुर महानगरपालिका के समस्त अधिकारी कर्मचारी के साथ साथ लोटस परिवार के अतुल मशरू, पवन जालान, रवि गुप्ता, प्रशांत गुप्ता, अविनाश साहू, अमोल कोल्हे, अनिल बावनगढ, कल्याण चौबे, राजेश तिवारी, अजय गौर, अशोक शुक्ला, गोकुल प्रजापति, आदित्य इत्यादि ने प्रयास किया.