– एक साल से लटका रखा हैं म्यूटेशन
– “पहले उस प्लाॅट के सबूत लेकर आओं जिससे पता चले की प्लाॅट पर इंडस्ट्री खड़ी हैं ” – सतीश हनमंत पवार
नागपूर :-नगर भू मापन क्रमांक 2 के अधिकारी सतीश हनमंत पवार का यह उपरोक्त फिल्मी डायलाग अमिताभ बच्चन की दीवार फिल्म की याद जरूर दिला रहा हैं.
शहर के सिटी सर्वे विभाग के तीनों कार्यालयों में आम जनता के लिए संपत्ति का म्यूटेशन करना कराना आज सबसे बड़ी टेड़ी खीर हैं.
हाल ही में राज्य सरकार ने 2 अक्तूबर 2022 को पंद्रह दिनों के लिए “सेवा पंधरवडा अभियान” शुरू किया था.जिसमें सत्ताधारी पार्टी की ओर से राज्य में जगह-जगह कैंप लगाकर राजस्व विभाग के सभी विभागों की फाइलों, लाखों आवेदनों का निबटारा एक ही दिन में करने का सरकार ने दावा किया था.
परंतु सरकारी विभागों के दफ्तरों में पहले से ही महीनों,सालों से पड़े हुए लाखों आवेदनों का निबटारा नहीं करना सरकार और उसकी प्रशासनिक व्यवस्था के भ्रष्टाचार,लापरवाही की पोल खोलते हुए नजर आ रहा हैं.
ऐसा ही कारनामा शहर के नगर भू मापन क्रमांक 2 के कार्यालय का हैं.जिन्होने 3 नागरिकों के संपत्ति का म्यूटेशन सभी आवश्यक दस्तावेजों के देने के बावजूद पिछले एक साल से जानबूझकर लटकाकर रखा हुआ हैं.
सुशीला चौधरी और खेमराज चौधरी ने पूनापूर भू मापन क्रमांक 150 के दो इंडस्ट्रीयल प्लाॅटो के म्यूटेशन के लिए दिनांक 14.2.2022 को आवेदन किया था.दिनांक 21.2.2022 को विनोद डागा ने आवेदन किया था.
सिटी सर्वे विभाग ने आवेदन के 3 महीने बाद केवल विनोद डागा को ही त्रुटी पत्र भेजा.लेकिन सुशीला चौधरी और खेमराज चौधरी को आज तक त्रुटी पत्र भेजा नहीं.
7 महीने गुजरने के बाद भी म्यूटेशन नहीं होने पर उन्होंने इसकी शिकायत जनलोकपाल संघर्ष समिति के संयोजक राजेश पौनीकर से की पौनीकर ने इस संबंध में 26 सितम्बर 2022 को आरटीआई के तहत आवेदन किया था.जिसमें सूचना अधिकारी ने तीनों आवेदकों के आवेदन पर विभाग ने कौनसी कार्यवाही की हैं इसके अहवाल की सत्यप्रती दी थी.
उसी प्रकार से सिटी सर्वे विभाग में जनवरी 2022 से सितंबर 2022 तक कितने आवेदन आये और कितने आवेदन पेंडिंग पड़े हुए हैं इसकी जानकारी मांगी थी.इसके जवाब में 9 महीने में सितम्बर महीने तक सिटी सर्वे विभाग में लगभग 2506 आवेदन पेंडिंग पड़े हुए दिखाई दे रहे थे.
साथ ही राज्य और केंद्र सरकार का लोकसेवा अधिकार कानून के तहत सरकारी कार्यालयों में नागरिकों के आवेदनों पर निबटारे की समय सीमा की सनद मांगने पर दी गई सनद में संपत्ति का म्यूटेशन एक ही महीने में पूरा होने का आदेश दिया हैं.
आज बारह महीने बाद भी तीनों आवेदकों की संपत्ति का अधिकारीयों द्वारा म्यूटेशन नहीं करना लोकसेवा अधिकार कानून की धज्जियां उड़ाने जैसा हैं.
तीनों आवेदनों के साथ एक ही जैसे दस्तावेज देने के बाद भी तीनों आवेदनों के त्रुटी पत्र में अलग-अलग त्रुटी दर्शायी हैं.यहाँ तक कि जो त्रुटी पत्र आरटीआई में मिले हैं उसमें सुशीला चौधरी और खेमराज चौधरी का भी त्रुटि पत्र शामिल हैं जो कि उनको आज तक डाक से मिला ही नहीं हैं.
सूचना के अधिकार में मिलें जवाब पर राजेश पौनीकर ने फिर से एक बार दिनांक 31.10.2022 को तीनों संपत्ति के इंडस्ट्रीयल एन ए आदेश की प्रती और इंडेक्स 2 को ओरिजिनल प्रतीयां विभाग में जमा करा दी.2 महीने तक विभाग से कोई भी जवाब नहीं आने पर पौनीकर ने फिर से एक नई आरटीआई दिनांक 5 जनवरी 2023 को नगर भू मापन क्रमांक 2 में लगायी.जिसमें विभाग को 31 अक्तूबर 2022 को सूचना के अधिकार में दिये गये दस्तावेजों पर विभाग ने अभी तक कौनसी कार्यवाही की इसके अहवाल की सत्यप्रती मांगने पर जवाब में यह मुद्दा प्रश्नार्थक बताकर जानकारी देने से इन्कार कर दिया और दूसरे मुद्दे के जवाब में विनोद डागा को डाक से भेजें गये जावक रजिस्टर की प्रती भेजी जिसमें जावक तिथी का काॅलम ही कटा हुआ नजर आ रहा हैं और बाकी दोनों आवेदकों के जावक रजिस्टर की सत्यप्रती ही नहीं दी हैं और आरटीआई कार्यकर्ता को आधी अधूरी जानकारी देकर पूरी जानकारी देने का आरटीआई के जवाब में उल्लेख किया हैं.
सोमवार 23 जनवरी को दोपहर 12 बजे राजेश पौनीकर ने सूचना के अधिकार के तहत दूसरी अपील करने के लिए सूचना अधिकारी प्रवीण प्रयागी से मिलने पर उन्होंने सबके सामने अपील का आवेदन लेने से साफ इन्कार कर दिया और बदतमीज़ी से पेश आते हुए “आप हैं कौन ?” कहकर फटकार लगायी.
प्रवीण प्रयागी ( मोबाइल नंबर 9372470261) ने पूनापूर संभाग के पटवारी महेश मोखारे को बुलवाकर नगर भू मापन अधिकारी सतीश हनमंत पवार से पौनीकर को मिलवाया.
यहाँ पर भी इस मामले पर तीनों बहस करते हुए दिखाई दे रहे थे और पौनीकर को बताया कि आप उन तीनों प्लाॅटो पर इंडस्ट्री शुरू हैं या नहीं इसके दस्तावेज लेकर आओं.जबकि तीनों के त्रुटी पत्र में इस प्रकार की शर्त या त्रुटी का पहले कोई भी उल्लेख नहीं किया हैं.
असल में पूनापूर नगर भू मापन क्रमांक 150 के इस इंडस्ट्रीयल ले आऊट में केवल 10 प्लाॅट हैं.जिसमें 7 प्लाॅटो के म्यूटेशन पहले ही हो चुके हैं.7 वी संपत्ति का म्यूटेशन दिनांक 21.1.2022 को ही इसी प्रकार की प्रक्रिया के तहत हुआ हैं.जिसमें अधिकारीयों ने आवेदक से इस प्रकार के ऐसे कोई भी दस्तावेजों की मांग नहीं की थी.
एक महीने में होने वाले इस संपत्ति के म्यूटेशन को साल भर लटकाकर रखने के पीछे इन तीनों अधिकारी नगर भू मापन अधिकारी सतीश हनमंत पवार,जन सूचना अधिकारी प्रवीण प्रयागी और पटवारी महेश मोखारे का आखिर कौन-सा स्वार्थ छुपा हुआ हैं?
जन सूचना अधिकारी प्रवीण प्रयागी द्वारा द्वितीय अपील का आवेदन नहीं लेने पर श्री राजेश पौनीकर ने यह अपील रजिस्टर्ड डाक से पोस्ट करके भेज दी हैं.
प्रतिनिधि
राजेश पौनीकर
@ फाईल फोटो