नागपूर :- फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने हाल ही में व्यस्क धूम्रपानकर्ताओं के लिए पहली मेन्थॉल -फ्लेवर की ई-सिगरेट को अधिकृत किया और माना कि फ्लेवर्ड ई-सिगरेट से पारंपरिक सिगरेट के नुकसानों को कम किया जा सकता है!
एफडीए ने बताया कि उसके द्वारा एनज्वॉय के चार मेन्थॉल ई-सिगरेट्स को अधिकृत किया गया है। इस वेपिंग ब्रांड का अधिग्रहण हाल ही में तम्बाकू दिग्गज अल्ट्रिया ने किया है, जो मार्लबोरो सिगरेट की बिक्री भी करता है।
इस निर्णय से वेपिंग कंपनियों के लंबे समय से किए जा रहे दावे को एक नया प्रमाण मिला है कि उनके उत्पाद धूम्रपान के नुकसानों को कम करने में मदद कर सकते हैं, जिसके कारण होने वाले कैंसर, फेफड़ों की बीमारी और हृदय रोग के चलते अमेरिका में हर साल 480,000 मौतें होती हैं। अमेरिका में 2007 से ई-सिगरेट बेचे जा रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों में धूम्रपान करने वालों के लिए उनके संभावित लाभ को किशोरों द्वारा उनके उपयोग ने धूमिल किया है।
अभिभावक समूहों और तम्बाकू-विरोधी समर्थकों ने तुरंत इस निर्णय की आलोचना की, जो सालों तक रैगुलेटर्स पर किशोरों को आकर्षित करने वाले मेन्थॉल एवं अन्य फ्लेवर बाजार से बाहर रखने के लिए दबाव बनाए हुए थे।
पैरेंट्स अगेंस्ट वेपिंग ई-सिगरेट्स के को-फाउंडर, मेरेडिथ बर्कमैन ने कहा, ‘‘इस निर्णय के बाद हम कभी भी युवाओं को वेपिंग की महामारी के अनगिनत नुकसानों से बचाने में समर्थ नहीं हो पाएंगे।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘एफडीए ने एक हिंसक उद्योग को अमेरिका के बच्चों को अपना आजीवन ग्राहक बनाने की अनुमति देकर एक बार फिर अमेरिकन परिवारों का विश्वास तोड़ दिया है।’’
पिछले कुछ सालों में युवाओं द्वारा वेपिंग अपने सबसे निचले स्तर पर पहुँच गई है, और पिछले साल हाईस्कूल जाने वाले केवल 10 प्रतिशत बच्चों ने ही ई-सिगरेट का उपयोग किया। वेपिंग करने वाले 90 प्रतिशत लोगों ने मेन्थॉल जैसे फ्लेवर्स का उपयोग किया।
पहले एफडीए द्वारा अधिकृत किए गए सभी ई-सिगरेट तम्बाकू से बने हैं, जो वेप करने वाले युवाओं द्वारा विस्तृत रूप से उपयोग नहीं किए जाते हैं।
एनज्वॉय उन तीन कंपनियों में से एक है, जिसे पहले एफडीए से वेपिंग उत्पादों के लिए स्वीकृति मिली थी। उन उत्पादों की तरह, दो एनज्वॉय मेन्थॉल ई-सिगरेट के साथ में कार्ट्रिज आते हैं, जो एक रियूज़ेबल डिवाईस में लग जाता है। यह डिवाईस लिक्विड निकोटीन को हीट करती है, और इसे साँस के अंदर खींचे जाने वाले एयरोसोल में बदल देती है। अन्य दो एनज्वॉय मेन्थॉल उत्पाद डिस्पोज़ होने वाले ई-सिगरेट हैं।
नीलसन से प्राप्त रिटेल डेटा के अनुसार पिछले साल अमेरिका में बिकने वाले ई-सिगरेट में एनज्वॉय उत्पाद 3 प्रतिशत से कम थे। बाजार का 60 प्रतिशत हिस्सा रेनॉल्ड्स अमेरिकन के स्वामित्व के वीयूज़ और जूल के पास था, जबकि अन्य हिस्सा सैकड़ों डिस्पोज़ेबल ब्रांड्स का था।
वेपिंग करने वाले ज्यादातर किशोरों द्वारा डिस्पोज़ेबल ई-सिगरेट का उपयोग किया जाता है, जिनमें एल्फ बार जैसे ब्रांड शामिल हैं, जो वाटरमेलन और ब्लूबेरी आईस जैसे फ्लेवर्स में आते हैं।
एफडीए ने बताया कि अल्ट्रिया के डेटा में सामने आया कि एनज्वॉय ई-सिगरेट्स ने धूम्रपान करने वालों को पारंपरिक सिगरेट में मौजूद नुकसानदायक कैमिकल्स का संपर्क कम करने में मदद की। एजेंसी ने बल दिया कि ये उत्पाद न तो सुरक्षित हैं, और न ही ‘‘एफडीए अनुमोदित’’, और जो लोग धूम्रपान नहीं करते हैं, उन्हें इनका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
यह काम एफडीए की विस्तृत समीक्षा का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य सालों तक रैगुलेटरी विलंब के बाद मल्टी-बिलियन डॉलर के वेपिंग बाजार की वैज्ञानिक समीक्षा करना है। वर्तमान में अमेरिका के बाजार में हजारों फल और कैंडी फ्लेवर के वेप हैं, जो तकनीकी रूप से गैरकानूनी हैं, लेकिन कन्विनिएंस स्टोर्स, गैस स्टेशंस और वेप शॉप्स पर आसानी से उपलब्ध हैं।
एफडीए ने इस माह के अंत तक जूल और वीयूज़ सहित मुख्य वेपिंग ब्रांड्स की सालों से चल रही समीक्षा को पूरा करने के लिए एक सेल्फ-इंपोज़्ड कोर्ट समय तय किया।
ये ब्रांड सालों से अमेरिका में बेचे जा रहे हैं, और उनके वैज्ञानिक अनुप्रयोगों पर एफडीए की कार्रवाई का इंतजार कर रहे हैं। बाजार में बने रहने के लिए कंपनियों को दिखाना होगा कि उनके ई-सिगरेट बच्चों को आकर्षित किए बिना धूम्रपान करने वालों को स्वास्थ्य के फायदे प्रदान करते हैं।
मैथ्यू फैरेली, एफडीए सेंटर फॉर टोबैको प्रोडक्ट्स ने कहा, ‘‘इस मामले में हमारी कठोर वैज्ञानिक समीक्षा में सामने आया कि व्यस्क धूम्रपान करने वालों द्वारा पूरी तरह से कम नुकसानदायक उत्पादों का उपयोग शुरू करने के फायदे युवाओं को इससे होने वाले जोखिमों के मुकाबले काफी बड़े थे।’’
रिचमंड स्थित अल्ट्रिया ने 2018 में जूल में 13 बिलियन डॉलर की हिस्सेदारी खरीदी, जब अमेरिका के अधिकांश वेपिंग बाजार में इस ब्रांड का दबदबा था। लेकिन कम उम्र के लोगों द्वारा वेपिंग में हुई वृद्धि में इसकी भूमिका की जाँच और मुकदमों के बाद जूल का मूल्य काफी गिर गया।