![](https://newstoday24x7.com/wp-content/uploads/2024/06/BJP-Half-page_page-0001.jpg)
– इतने बुरे दिन आ गए जिला कांग्रेस और उसके समर्थकों के ; हो भी क्यों न जब !
![](https://newstoday24x7.com/wp-content/uploads/2024/06/WhatsApp-Image-2024-06-06-at-16.46.34_c08487b5.jpg)
– रेत में लिप्त तथा धोखाधड़ी जैसे मामले दर्ज हैं..!
नागपुर – कांग्रेस जैसी पार्टी में उम्मीदवारों का तोटा, हो भी न क्यों, क्यूंकि अब देश में सिमित रह गई कांग्रेस तो रेत माफिया जैसों के नाम की सिफारिश पर प्रदेश कांग्रेस और AICC मजबूर हैं. वही दूसरी ओर नेताओं को आभास था कि रश्मि बर्वे का जाति वैधता प्रमाणपत्र अवैध ठहराया जा सकता है इसलिए उन्होंने उनके पति पारशिवनी, रामटेक, मौदा तहसील में रेत की कालाबाज़ारी करने वाले बबलू बर्वे का AB फॉर्म भरवाकर जमा करवा दिया? जबकि चर्चा एसी चल रही है की इससे बेहतर नरेश बर्वे साबित हो सकते थे लेकिन वे मुकुल वासनिक गुट के थे,ऊबठा के पूर्व कार्यकर्ता रहे है,इसलिए नरेश को तवज्जो नहीं दिया गया..!
रामटेक लोकसभा के कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी की सूची जारी कर दी थी परंतु प्रत्याशी के जात प्रमाण पत्र अवैध होने के बाद कॉंग्रेस ने उनके ही पति श्यामकुमार बर्वे को दुसरे कांग्रेस प्रत्याक्षी के रूप में रामटेक लोकसभा से अधिकृत उमेदवार घोषित किया गया है । सभी की नजर कांग्रेस द्वारा घोषित किए गए प्रत्याशी की ओर है। कांग्रेस ने रामटेक लोकसभा के चुनाव में एक ऐसे प्रत्याशी को अपना उमेदवार बनाकर मैदान में उतारा है जिसपर रेत में लिप्त तथा धोखाधड़ी जैसे मामले दर्ज हैं चर्चा ऐसी है की इस प्रत्याशी की रसूख का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह कुछ समय पहले तक जो व्यक्ती दोपहिया वाहन में घूमता था वे रेत तस्करी करके करोड़ों रुपयों की संपत्ति जमा किए जाने की बता बाती जा रही है रेत माफिया ने रेत के कारोबार में करोड़ों रुपए की चल अचल संपति बना ली है जिसके चलते आज रामटेक लोकसभा में ताल ठोक चुके हैं ऐसी चर्चा जोरों पर है।
एक समय था चाचा के पल्लू पकड़ कर बबलू और रश्मि बर्वे पहली बार जिलापरिषद का चुनाव जीते और पालक झपकते ही पाला बदल जिलापरिषद अध्यक्ष बनने का अवसर भी मिला। अध्यक्ष के कार्यालय से बबलू ने बहुत मौके का फायदा उठाया।
फिर पुनः जब चाचा को लोकसभा चुनाव लडने का मौका आया तो चाचा को नजरंदाज कर खुद ये दंपत्ति अपनी जुगत लगाने लगे, इतनी मजबूती से दावा पेश किया कि फिर रेस से बाहर हो गए, अब चाचा को बही खाता संभालने के अलावा कोई जिम्मेदारी शेष नहीं रही। बबलू के खिलाफ बिना रॉयल्टी के सरकारी महकमों में रेत आपूर्ति के खिलाफ मामला दर्ज है। रेत उत्खनन और ट्रांसपोर्टिंग और आपूर्ति करवाने में इसका कोई तोड़ नही, हाल ही मे राज्य सरकार ने अवैध रेत उत्खनन के खिलाफ SIT का गठन किया,लेकिन कोई ठोस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई,नतीजा इस अवैध व्यवसाय में लिप्त आज एक शख्स देश का सबसे महत्वपूर्ण चुनाव लडने जा रहा है। कांग्रेस की इससे बड़ी दुर्गति नही हो सकती।