नागपूर :- नागपुर हिंसा में गिरफ्तार किए गए 17 लोगों को लोकल कोर्ट ने 22 मार्च तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया है। आरोपियों को गुरुवार रात मजिस्ट्रेट मैमुना सुल्ताना के समक्ष पेश किया गया था, इस दौरान पुलिस ने आरोपियों की सात दिनों की कस्टडी मांगी थी।
गणेशपेठ पुलिस थाने में दर्ज की गई एफआईआर के सिलसिले में इन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। औरंगजेब की कब्र हटाने को लेकर 17 मार्च को नागपुर में हुई हिंसा के मामले में मास्टरमाइंड फहीम समेत 6 आरोपियों के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज हुआ था। फहीम पर 500 से ज्यादा दंगाइयों को इकट्ठा करने और हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप है। पुलिस ने अब तक 99 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें विश्व हिंदू परिषद (VHP) के भी 8 कार्यकर्ता शामिल हैं। साइबर सेल ने अफवाह फैलाने और हिंसा भड़काने के मामले में 34 सोशल मीडिया अकाउंट पर कार्रवाई की, साथ ही 12 FIR की गई। इसके अलावा पुलिस ने बुधवार को मामले में बांग्लादेश कनेक्शन मिलने का दावा किया था।
सोमवार रात हुई हिंसा में 33 पुलिसकर्मी घायल हुए थे, जिनमें DCP रैंक के तीन अधिकारी भी शामिल हैं। दंगाइयों ने वाहनों में तोड़फोड़ की, पेट्रोल बम फेंके, पथराव किया और कुछ घरों पर हमला भी किया था। नागपुर हिंसा में आरोपी फहीम खान की भूमिका को लेकर साइबर डीसीपी लोहित मतानी ने बताया कि फहीम ने औरंगजेब के खिलाफ हुए प्रदर्शन का वीडियो एडिट कर सोशल मीडिया पर वायरल किया, जिससे माहौल बिगड़ा और हिंसा फैली। उसने हिंसात्मक वीडियो को बढ़ावा भी दिया। कुछ वीडियो में फहीम 2-3 इलाकों में घूमता दिखा है।