नागपुर :- बिहार योग विद्यालय योग पीठ और बिहार योग भारती मुंगेर बिहार व नागपुर के योग साधकों के संयुक्त तत्वावधान में स्थानीय डॉ. हेडगेवार स्मारक समिति स्मृति भवन रेशमबाग, नागपुर में आयोजित 3 दिवसीय योग साधना सत्र का समापन बीज मंत्र साधना से हुआ। इस 3 दिवसीय साधना सत्र में साधकों ने योग, प्राणायाम के वैज्ञानिक पहलुओं को सीखा। साथ ही योग, ध्यान व अध्यात्म का संबंध इस विषय को बहुत ही सरल शब्दों में बिहार योग विद्यालय से पधारे स्वामी शिवराजानंद सरस्वती ने साधकों को समझाया।
यह 3 दिवसीय योग साधना सत्र की शुरुवात शुक्रवार को मंत्र साधना से हुई। इस अवसर पर स्वामी शिवाराजानंद सरस्वती ने मुंगेर आश्रम व उसके कार्यों की जानकारी दी। आसान , प्राणायाम के साथ योग निद्रा जैसी समृद्ध पद्धति को समझाया व साधकों से करवाया।
इस योग साधना सत्र में बड़ी संख्या में साधकों ने भाग लिया। साधकों की शंकाओं का समाधान भी स्वामी शिवराजानन्द सरस्वती ने किया। आसनों को मंत्रों के साथ कैसे किया जाता है इसका अभ्यास कराया। उसी प्रकार प्राणायाम को भी मंत्रों के साथ जोड़कर करने की विधि बताई।
योग साधना सत्र का समापन रविवार शाम 8.30 बजे साधकों द्वारा स्वामीजी का धन्यवाद ज्ञापित कर किया गया। सत्र परिसर में मुंगेर आश्रम द्वारा प्रकाशित साहित्य को भी साधकों ने बड़ी मात्रा में खरीदा। अगला साधना सत्र फरवरी माह में नाशिक के त्रयंबकेश्वर में होने की जानकारी देते हुए सभी को उसमें शामिल होने का निमंत्रण दिया। ज्ञात हो की बिहार योग विद्यालय योग का प्रथम योग विद्यालय है। जहां सदगुरु स्वामी शिवानंद सरस्वती, आधुनिक युग के योग प्रणेता पूज्य गुरुदेव स्वामी सत्यानंद सरस्वती व बिहार योग विद्यालय व बिहार योगपीठ के परमाचार्य स्वामी निरंजनानंद सरस्वती के मार्गदर्शन में योग का प्रचार पूर्ण विश्व में किया जा रहा है।