फलों पर केमिकल और पावडर छिड़कने वालों विक्रेताओं पर कड़क कारवाई हो – आप पार्टी द्वारा मांग

नागपूर :- आम आदमी पार्टी नागपुर द्वारा सह आयुक्त खाद्य और औषधी प्रशासन विभाग, नागपुर को फलों पर केमिकल और पावडर छिड़कने वालों विक्रेताओं पर कड़क कारवाई की मांग का निवेदन दिया गया. आज महाराष्ट्र प्रदेश संघटन मंत्री भूषण ढाकुलकर, महाराष्ट्र सहसचिव रजनीकांत जिचकार नागपूर शहर अध्यक्ष अजिंक्य कळंबे, नागपूर शहर महासचिव इकबाल रिजवी व डॉ अमेय नरनवरे इनके नेतृत्वात हे निवेदन दिया गया. नागपूर उपाध्यक्ष नामदेव कांबडी, अहमद जवाद व विपिन कुर्वे, नागपूर शहर संघटन मंत्री सचिन लोणकर, महिला आघाडी अध्यक्ष सुषमा कामळे ये प्रमुखतासे उपस्थित थे.

देश में बढ़ती गर्मी के साथ ही मुस्लिम लोगों का पवित्र उपवास का महिना कहे जाने वाले रमजान महिनों में फलों की बिक्री बढ़ जाती है जैसे कि केला, तरबूज, पाइनेपल, खरबूजा, अंगूर और आम की कीमतें बढ़ गई है. फिलहाल अच्छे गुणवत्ता वाले केले की कीमत ६० से ७० ₹ और मीडियम क्वालिटी केले की कीमत ४० से ५० ₹ दर्जन हैं. इसी तरह अभी बाजार में ३० से ४० ₹ किलो की दर से तरबूज उपलब्ध है. अभी अधिकांश बाजार तरबूज से ही भरे दिखाई दे रहे हैं.

तरबूज: बढ़ती गर्मी के साथ मीठे और ठंडे तरबूज की मांग बढ़ी है. तरबूज में ९२ प्रतिशत पानी रहता है. यह गर्मी में शरीर को डिहाइड्रेशन से बचाता है. विटामिन ए, विटामिन बी ६, विटामिन सी और पोटेशियम, लाइकोपिन और सीटूलीन जैसे प्लांट होने से तरबूज स्वास्थ्य के लिए लाभदायी है, लेकिन कच्चे तरबूज को केमिकल के जरिए लाल बनाकर मार्केट में बेचा जा रहा है. केमिकल के जरिए किया जाता है लाल: तरबूज पकाने के लिए स्टेरॉइड के इंजेक्शन का उपयोग किया जाता है. कुछ विक्रेता कच्चे तरबूज को अंदर से लाल बनाने के लिए केमिकल का उपयोग करते हैं.

2. केला: पावडर के साथ कृत्रिम रूप से पकाए गए केले पीले और हरे डंठल वाले होते हैं. इसके अलावा वे बिना किसी काले धब्बे के स्पष्ट पीले रंग के होते है. कृत्रिम रूप से पकाए गए केले में पावडर के कण होते है और ये जल्दी छिल जाते हैं अगर फल पूरी तरह से पका न हो तो इससे गले में खराश हो जाती है इससे विषबाधा भी हो सकती है, शुरुवाती लक्षणों में उल्टी, खांसी, जलन, आंखों और त्वचा में जलन या चुभन, गले में खराश और सांस लेने में दिक्कत हो सकती है.

कुछ साल पहले फल कैल्शियम कार्बाइड से पकाए जाते थे, जिस पर प्रशासन ने प्रतिबंध लगा दिया था. इस पर नियंत्रण के लिए खाद्य और औषधी प्रशासन विभाग विक्रेताओं के खिलाफ लगातार कार्यवाई करता था लेकिन कुछ वर्षों से केमिकल और पावडर के इस्तमाल करने वाले विक्रेताओं पर प्रशासन की ओर से कोई कारवाई नहीं हुई है. नागपूर डिव्हिजन के फूड डिपार्टमेंट के सहाय्यक आयुक्त एके जयपूरकर को ये निवेदन दिया गया और उन्होने इस विषय पर एक मोहीम तुरंत चलाने का आश्वासन दिया. आम आदमी पार्टी इस विषय को गंभीरता से लेती है और फूड डिपार्टमेंट इस विषय पर क्या कारवाई करता है इसके उपर आम आदमी पार्टी 1 एप्रिल के बाद फिर मिलके जानकारी लेगी.

आम आदमी पार्टी नागपुर ने लोगों की जान से खिलवाड़ करने वाले विक्रेताओं पर कड़क कारवाई की मांग की है. इस अवसर पर चेतन निखारे, प्रशांत अहिरकर, अलका पोपटकर, पिंकी बारापात्रे, आतीष तायवाडे, मनोज मिश्रा, तेजराम मदान, महेश भुचाल, अब्दुल समद पोटिया वाला, इतर कार्यकर्ता व पदाधिकारी उपस्थित होते.

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