नागपुर :- श्री बड़ी मारवाड़ माहेश्वरी पंचायत भवन, श्याम धाम, हिवरी नगर में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ जारी है। 1008 जगतगुरु स्वामी रामानुजाचार्य स्वामी श्रीधराचार्य महाराज भक्तों को भागवत कथा के प्रसंग सुना रहे हैं।
महाराज ने श्रीमद्भागवत ज्ञान का अथाह समुद्र है, इसके अंदर ज्ञान का अनंत भंडार है। रत्नाकर में गोता लगाने पर जैसे रत्नों की प्राप्ति होती है, वैसे ही इस श्रीमद्भागवत में गहरी डुबकी लगाने से जिज्ञासाओं को नित्य नूतन विलक्षण भाव रत्न राशि की प्राप्ति होती है। श्रीमद्भागवत में बताया गया है कि किस तरह से मनुष्य अपने सांसारिक कर्तव्यों का भली भांति आचरण करते हुए परमात्मा को प्राप्त कर सकता है।
उन्होंने आज आगे बताया कि इस चराचर जगत में जो कुछ भी प्रतीत होता है वह सब ब्रह्म ही है।कोई भी वस्तु सच्चिदानंद प्रभु से भिन्न नहीं है। प्रभु कहते हैं कि चर-अचर सब ब्रह्म है और वह ब्रह्म मैं ही हूं। इसलिए सब मेरा ही स्वरूप है। जो पवित्र हो, मन और इंद्रियों को वश में कर श्रीमद्भागवत का पठन व श्रवण करता है, वह मुझ सनातन देव भगवान विष्णु को प्राप्त होता है।
आज व्यासपीठ का पूजा मुख्य यजमान कांतिलाल गोवर्धन दास राठी-जलगांव, गोपाल सारडा, कृष्णा राणे, संतोष लखोटिया, सुरेश गांधी, अजय नबीरा, हरीश कलंत्री, सोम प्रकाश मंत्री,बृजगोपाल दरक, आदित्य भैया,कन्हैयालाल मानधना, सत्यनारायण लोया, शरद धूत,सुभाष रांधड, हरीश सोनी,रविकांत काबरा, गोपाल सारडा,नारायण सारडा,बनवारी सारडा,शेरू मालपानी ने की। सफलतार्थ विवेक सारडा, योगेश मालपानी, जितेंद्र माहेश्वरी, कृष्णा मंधना, मनोज लोया, शरद सोनी, धर्मेंद्र बजाज, बनवारी भूतड़ा, मनोज खेमानी,जगदीश जोशी, श्रीनाथ चांडक, प्रणय डागा, संजय मालू, मधुबाबू सारडा, सुभाष रान्धड, गिरिराज बियानी, नारायण सारडा, बनवारी सारडा, नरसिंग सारडा,ओम तोषनीवाल, सहित अन्य प्रयासरत हैं।