– उत्पादन शुरू करने की चल रही तैयारी,महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (MCL) की सियारमल खदान (Siarmal Mines) से कोयला उत्पादन की तैयारी चल रही है। इस खदान से पांच से सात वर्षों में 50 मिलियन टन कोयला उत्पादन होने लगेगा।
नागपुर – महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (MCL) की सियारमल खदान (Siarmal Mines) से कोयला उत्पादन की तैयारी चल रही है। इस खदान से पांच से सात वर्षों में 50 मिलियन टन कोयला उत्पादन होने लगेगा।
लिहाजा सियारमल देश की सबसे बड़ी कोयला खदान बन जाएगी। देश में अब तक किसी भी खदान से 50 मिलियन टन कोयला उत्पादन नहीं हुआ है।
सियारमल माइंस ओडिशा के झारसुगड़ा जिले में स्थित है। यहां 1547.82 मिलियन टन कोयला भण्डार है।
एमसीएल प्रबंधन के अुनसार सियारमल खदान से चालू वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही में उत्पादन शुरू हो जाएगा।
शुरुआत में दो से पांच मिलियन टन तक कोयला निकाला जाएगा। धीरे- धीरे उत्पादन बढ़ेगा और पांच से सात साल के भीतर 50 मिलियन टन सालाना उत्पादन होने लगेगा। सियारमल ओपनकास्ट माइंस को अभी पहले चरण की पर्यावरणीय स्वीकृति मिली है।
यहां बताना होगा कि देश में अभी एसईसीएल की गेवरा सबसे बड़ी कोयला खदान है। 2021- 22 में यहां से 41.45 मिलियन टन कोयला उत्पादन हुआ था। गेवरा माइंस को चालू वित्तीय वर्ष के लिए 52 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य दिया गया है। गेवरा माइंस को 49 मिलियन टन सालाना उत्पादन की पर्यावणीय मंजूरी मिल चुकी है।
CIL की तीन कंपनियों को भी बेचने का प्रस्ताव
हालांकि बीसीसीएल की हिस्सेदारी बेचने की सुगबुगाहट करीब दो साल से चल रही है। बीसीसीएल के साथ ही सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट (CMPDIL), ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ECL) और सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) की हिस्सेदारी बेचने का प्रस्ताव है। सूत्रों की मानें तो नीति आयोग द्वारा इस संदर्भ में योजना बनाई गई है।
बताया गया है कि बीसीसीएल और ईसीएल की देनदारी कहीं ज्यादा है। सीएमपीडीआई को लेकर सरकार का मानना है कि देश में कोयले की पर्याप्त ड्रीलिंग हो चुकी है।
इधर, बताना होगा कि बीते साल जुलाई में हुई जेबीसीसीआई- XI की पहली बैठक में बीसीसीएल और सीएमपीडीआईएल के विनिवेश का मुद्दा उठा था। इस मुद्दे को सीटू नेता और जेबीसीसीआई सदस्य डीडी रामनंदन ने सीआईएल प्रबंधन के समक्ष रखा था। इस पर सीआईएल चेयरमैन ने कहा था कि यह विषय उनके संज्ञान में नहीं है।
बीसीसीएल की 25 फीसदी हिस्सदोरी बेचने के सीआईएल बोर्ड के सैद्धांतिक निर्णय पर श्री रामनंदन ने चर्चा में कहा कि इसकी तैयारी बहुत पहले से चल रही है। जब इस मुद्दे को मैंने जेबीसीसीआई की पहली बैठक में उठाया था तब इसे किसी ने गंभीरता से नहीं लिया था। बीसीसीएल की 25 फीसदी हिस्सेदारी बिक गई तो मानकर चलना होगा कि पूरी कंपनी भी बिक जाएगी। केन्द्र सरकार सरकारी कंपनियों को बेच कर खा रही है। बीसीसीएल, ईसीएल, सीसीएल में अच्छी गुणवत्ता का कोयला है। इस लिहाज से इसकी कीमत भी अच्छी है।