श्रीराम कथा मानस के चार घाट एवं श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ शुरू
अखिल विश्व सरयूपारीण ब्राह्मण महासभा का आयोजन
नागपुर :- श्रीराम कथा एक अनुष्ठान है। जीवन जीने की कला का दूसरा नाम है श्रीराम कथा। यह उद्गार विन्ध्यपीठाधीश्वर तुलसी मानस मर्मज्ञ, बालयोगी,अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संत संजय महाराज ने अपनी अमृतमय वाणी में व्यक्त किए।
अखिल विश्व सरयूपारीण ब्राह्मण महासभा, नागपुर के तत्वावधान में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के जीवन गाथा के रोचक प्रसंग से संबंधित श्रीराम कथा मानस के चार घाट एवं श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ का शुभारंभ वसंत विहार कॉलोनी, दुर्गा मंदिर के पास, खडगांव रोड, वाड़ी में हुआ।
बालयोगी संजय महाराज ने भगवान राम का जीवन समस्त मानव जाति के लिए एक आदर्श है। विपरीत परिस्थितियों में भी कैसे जीवन जिया जाए यह श्रीराम कथा हमें सिखाती है। कथा के माहात्म्य का वर्णन करते हुए बताया कि कलियुग में भगवान की प्राप्ति का सरलतम् साधन कथा एवं भगवान का नाम हैं। इसी क्रम में श्री सीताचरित पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जगत जननी सीता त्याग, तप, तीर्थ, सहिष्णुता की प्रतिमूर्ति हैं।
श्रीराम कथा के साथ विश्व में शांति की स्थापना के लिए श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ का भी आयोजन किया गया है। काशी के विद्वान पंडितों द्वारा महायज्ञ संपादित किया जा रहा है। इसका लाइव प्रसारण देश-दुनिया में हो रहा है।
संजय महाराज की अपनी मधुरतम वाणी में 17 नवंबर तक आयोजित श्रीराम कथा का समय प्रतिदिन दोपहर 3 से शाम 7 बजे तक रहेगा।
अखिल विश्व सरयूपारीण ब्राह्मण महासभा के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष पं. रामनारायण मिश्रा ने बताया कि बुजुर्गों और महिलाओं के लिए बैठने की विशेष व्यवस्था की गई है। 150 बाय 80 वर्गफीट का विशाल पंडाल बनाया गया है। कथा का श्रवण करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को प्रसाद का वितरण भी किया जा रहा है। 17 नवंबर को महाप्रसाद होगा।
अखिल विश्व सरयूपारीण ब्राह्मण महासभा नागपुर के पदाधिकारी गण श्याममूर्ति पाण्डेय अन्तरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष, प्रेमशंकर चौबे राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष, केदारनाथ पाण्डेय, देवीप्रसाद शुक्ला, अधिवक्ता सुरेश शुक्ला, नरेन्द्र मिश्र, ओमप्रकाश मिश्र, अजय त्रिपाठी, अधिवक्ता जीवन शुक्ला, जयराम दुबे, नितिन तिवारी, शैलेष पाण्डेय, मनोजकुमार पाण्डेय, ब्रिजेश मिश्र, चंद्रकांत मिश्र, सूर्यकान्त मिश्, रामकिशोर त्रिपाठी, कमलेश पाण्डेय, पवनकुमार ओझा, प्रेम प्रकाश दुबे, कपिल मुनि मिश्र सफलता के लिए प्रयास कर रहे हैं।