– मनपा प्रशासक और विभाग प्रमुख का जंगलराज में क्षेत्रीय कर्मी सता रहे नियमित करदाता को
नागपुर :- KT नगर के 83 वर्षीय वरिष्ठ नागरिक जो नियमित सम्पत्तिकर भरते आ रहे है,उन्हें उनके नाम पर पुराना बकाया सह कुल बकाया सम्पत्तिकर 49577 का डिमांड धरमपेठ जोन के स्थानीय कर्मी ने थमाया,जबकि ऑनलाइन जांचने पर उक्त वरिष्ठ नागरिक पर मात्र 4089 का बकाया दर्शा रहा हैं.
उक्त वरिष्ठ नागरिक नियमित करदाता है, और हाल ही में उन्होंने अपनी संपत्ति एक युवा व वरिष्ठ पत्रकार को बेच कर शहर छोड़ दिया।
इसी बीच धरमपेठ जोन का सम्पत्तिकर विभाग का खुद को कर्मी बतलाते हुए इस नए मकान मालिक से उक्त दंपत्ति के बारे में पूछा और जब पता चला कि उन्होंने शहर छोड़ दिए है तो आनन्-फानन में उक्त बुजुर्ग के नाम एक बकाया युक्त डिमांड इस नए मकान मालिक को थमाया और जल्द से जल्द नगदी उन्हें ही भरने का दबाव बनाया।
ताकि इस प्रकार के करदाताओं से मोटी वसूली या कमाई हो सके.
उक्त त्रस्त नागरिक ने मनपा प्रशासक और संपत्ति कर विभाग प्रमुख से सवाल किया है कि जब प्रत्येक वर्ष नियमित कर भरा गया,जो मनपा की ही ऑनलाइन सिस्टम में दिख रहा तो फिर ‘हार्ड कॉपी’ हमारे संपत्ति का बढ़ा कर कैसे प्रिंट कर भेजा गया,क्या पैरेलल में कहीं और प्रिंटिंग का गोरखधंधा तो नहीं हो रहा.
सवाल यह है कि नियमित कर दाता और उसमें भी बुजुर्ग/असहाय की संख्या बड़ी है,क्या ऐसे ही वर्षो से सभी को सताया जा रहा और वसूली की जा रही.अगर ऐसा ही है तो अर्थात नीचे से लेकर ऊपर तक इस अतिरिक्त मुनाफे का बंदरबांट हो रहा होगा।
यह भी कड़वा सत्य है कि उक्त मामला के उजागर होने के बाद लीपापोती का क्रम शुरू हो जाएगा,ताकि इस गोरखधंधे पर अंकुश न लगे.
कुल मिलकर मनपा में ‘अंधेर नगरी और चौपट राजा’ का राज चल रहा है.क्यूंकि जिले के पालकमंत्री राज्य के राजनीति में इतने व्यस्त है कि उनके अधीनस्त जिले के तमाम बड़े छोटे अधिकारी मजे काट रहे,इनके चक्कर में सम्बंधित कर्मियों की भी चांदी हैं.
यह भी कड़वा सत्य है कि सरकार या प्रशासक कोई भी हो आम जनता के लिए सकारात्मक नहीं रहता।
एमओडीआई फाउंडेशन ने राज्य सरकार से मांग की है कि उक्त मामले को सरकार गंभीरता से लें और आयुक्त,विभाग प्रमुख पर नियमानुसार कड़क कार्रवाई करें अन्यथा न्यायालय की शरण में जाने को मजबूर होना पड़ेगा,जिससे होने वाली नुकसान के जिम्मेदार पालकमंत्री की होगी।