– नागपुर परियोजना के करार में अंकित होने के बावजूद कोई व्यवस्था नहीं
नागपुर :- तत्कालीन MD बृजेश दीक्षित के कार्यकाल में मेट्रो रेल का नागपुर में काम शुरू हुआ,इस दौरान चेहरे देख काम बांटा गया, इस क्रम में कई खामियां को सिरे से नज़रअंदाज की गई,जैसे अम्बाझरी तालाब के निकट डेढ़ दर्जन पिलर और सम्पूर्ण प्रोजेक्ट में RAIN WATER HARVESTING आदि आदि.
दीक्षित के कार्यकाल में कोकाटे और एक अन्य अधिकारियों ने बड़ी धांधलियां खुलेआम की जो आज भी जारी हैं.चुनिंदा सफेदपोश,खामियां गिनवाने वाले आंदोलनकारियों को पक्ष में लेकर अबतक चलते रहे.
इस क्रम में जल्द ही अंबाझरी तालाब से लगकर निर्माण किये गए सभी डेढ़ दर्जन से अधिक पिलरों को हटाया जाएगा,इस गैरजिम्मेदाराना निर्माणकार्य के सभी दोषियों से खर्च वसूलने की मांग ‘एमओडीआई फाउंडेशन’ ने की हैं.
एमओडीआई फाउंडेशन ने यह भी मांग की है कि सम्पूर्ण मेट्रो रेल प्रकल्प में RAIN WATER HARVESTING की करार में अंकित होने के बावजूद व्यवस्था न करने और उससे संभावित नुकसान का आंकलन कर दोषी अधिकारियों पर कानूनन कार्रवाई की जाए.
समय रहते RAIN WATER HARVESTING को गंभीरता से नहीं लिया गया तो ‘एमओडीआई फाउंडेशन’ जनहित में एक याचिका दायर करने जा रही हैं.
उल्लेखनीय यह है कि मेट्रो रेल की कमर्शियल प्रॉपर्टी लीज पर देकर मुनाफे में लाने की जी तोड़ कोशिश कर रही है,प्रॉपर्टी तो लीज पर चली गई लेकिन उसका लाभ न लीज पर लेने वाले और न ही NAGPURIANS को हो रहा !