नागपुर :- जैन समाज के पूजा विधानों को सफलतम करनेवाले पं. हीरासाव कहाते को समस्त जैन समाज ने ‘विधानाचार्य’ उपाधि से अलंकृत किया.
श्री पार्श्वप्रभु दिगंबर जैन सैतवाल मंदिर संस्था इतवारी नागपुर के तत्वावधान में हुए कार्यक्रम में मुनिराज प्रशमसागर गुरुदेव, मुनिराज अनुपमसागर गुरुदेव, मुनिराज साध्यसागर गुरुदेव का सानिध्य प्राप्त हुआ. पं. हीरासाव कहाते ने अनेक पूजन, व्रत, विधानों का सफलत्तम आयोजन किया हैं. पंचामृत अभिषेक, बड़े बड़े विधानों की सूक्ष्म जानकारी, विधान कैसे करे यह जानकारी का पूरा ज्ञान कहाते को हैं. पूजन विधान के विधि का संपूर्ण जैन समाज को मार्गदर्शन करते हैं. संपूर्ण जैन समाज में जैन धर्म के प्रति अगाढ श्रद्धा तथा आर्षमार्ग परंपरा को जीवित रखने के लिए अपना सर्वस्व अर्पण कर के जैन आगम के अनुसार पूजा विधानों का संचालन एवं व्रत उद्यापनों का सफल आयोजन कर के समाज विशिष्ट स्थान निर्माण किया हैं. विपरीत परिस्थिति में जैन धर्म की प्रभावना एवं धर्म का अध्ययन कर के पूजा प्रभावना को उच्च कोटि के स्तर पर पहुंचाया हैं. पं. हीरासाव कहाते उनकी धर्मपत्नी पुष्पा कहाते पुत्र वैभव कहाते को भारतवर्षीय दिगंबर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी के राष्ट्रीय महामंत्री संतोष जैन पेंढारी, विदर्भ सेवा समिति के अध्यक्ष डॉ. संतोष मोदी, जैन सहायता ट्रस्ट के अध्यक्ष नारायणराव पलसापुरे, मंदिर संस्था के अध्यक्ष दिलीप शिवनकर, महामंत्री दिलीप राखे, श्री सैतवाल जैन संगठन मंडल के सचिव प्रकाश मारवडकर, सुभाष मचाले, दिगंबर जैन नि:सही संस्थान के अध्यक्ष सुरेश आग्रेकर, दिगंबर जैन युवक मंडल (सैतवाल) के अध्यक्ष विनय सावलकर ने शाल, पुष्पगुच्छ, मोतियों की माला,श्रीफल और मान पत्र देकर सम्मानित किया. श्री दिगंबर जैन महासमिति, अखिल भारतीय पुलक जन चेतना मंच महावीर वार्ड नागपुर, श्री दिगंबर जैन युवक मंडल (सैतवाल), महावीर यूथ क्लब, श्री दिगंबर जैन सेनगन मंदिर, श्री सैतवाल जैन संगठन मंडल आदि संस्थाओं ने पं. हीरासाव कहाते का सम्मान किया. पं. हीरासाव कहाते ने कृतज्ञता व्यक्त करते हुए वितराग भगवान की सेवा समझ के किया, सेवा करने में सबसे बड़ा योगदान पार्श्वप्रभु दिगंबर जैन सैतवाल मंदिर का था क्योंकि ४० साल पहले इस मंदिर ने मुझे प्रभु की सेवा करने का अवसर दिया उस समय मुझे धर्म का ज्ञान नहीं था. मंदिर में सभी ने मुझे आदर और सम्मान दिया.समाज के सहयोग के कारण मुझे प्राप्त ज्ञान आप तक पहुंचा पाया. मुझे यहां नागपुर में आए ४० वर्ष हुए हैं, समाज ने मुझे प्यार दिया है, मैं बिना कोई अपेक्षा से समाज की सेवा करता रहूंगा. समारोह का संचालन मंदिर के महामंत्री दिलीप राखे ने किया, प्रस्तावना अध्यक्ष दिलीप शिवनकर ने रखी, मानपत्र का वचन मंदिर के सहमंत्री प्रशांत मानेकर ने किया.
समारोह में सुधीर सिनगारे, विलास गिल्लरकर, दिनेश सावलकर, ऋषभ आगरकर, मनीष पिंजरकर, अरविंद हनवंते, नितिन नखाते, सुनील आगरकर, प्रशांत भुसारी, किशोर मेंढे, चंद्रकांत सावलकर, राजेश जैन, प्रफुल्ल रोडे, विजय उदापुरकर, डॉ. नरेंद्र भुसारी, प्रमोद भागवतकर, सुबोध कासलीवाल, कमल बज, सतीश जैन पेंढारी, राजेंद्र बंड, राजेश जैन केबल, अनंतराव गव्हाने, राजेंद्र सोनटक्के, जितेंद्र गडेकर, नरेश मचाले, महेंद्र सिंघवी, रवींद्र मखे, अभिजीत बंड, विलास आग्रेकर, उदय गहानकरी, जिनेन्द्र लाड, सतीश श्रावने, बाहुबली लाड, अतुल खेडकर, बाहुबली पलसापुरे प्रमोद राखे, अनंतराव शिवनकर, मुकेश गंगवाल, शरद मचाले, दीपाली शिवनकर, दीपाली राखे, ज्योति मखे, चंद्रकांता कासलीवाल, कल्पना भुसारी, वैजयंती कापसे, रीता रांवका, नयना संगई, प्रदीप तुपकर आदि उपस्थित थे.