– पुलिस की वर्दी का अपमान करने वाला भ्रामक विज्ञापन हटाया गया; लेकिन दोषियों पर कार्रवाई कब? – सुराज्य अभियान
हिंदू जनजागृति समिति के सुराज्य अभियान के लगातार प्रयास के बाद पुलिस की वर्दी में अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी को दिखाने वाला और जनता को जुआ खेलने के लिए प्रेरित करने वाला विवादित ‘बिग कैश पोकर’ विज्ञापन आखिरकार सोशल मीडिया से हटा दिया गया है; लेकिन दोषियों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसी संबंध में सुराज्य अभियान की ओर से सतीश सोनार और रवी नलावडे ने महाराष्ट्र राज्य के गृह राज्य मंत्री योगेश कदम से मुलाकात की और यह विज्ञापन पुलिस विभाग की प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचाने वाला गंभीर मामला है, यह ध्यान में लाया। बैठक में मामले की गंभीरता को समझते हुए गृह राज्यमंत्री योगेश कदम ने मुंबई पुलिस आयुक्त को जाँच कर कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
हालाँकि यह विज्ञापन हटा दिया गया है, लेकिन अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी और ‘बिग कैश’ के मालिक अंकुर सिंह पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। सुराज्य अभियान ने इस मामले में कई बार फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर (X) के शिकायत निवारण अधिकारियों को शिकायतें कीं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अंत में शिकायत अपील समिति (GAC) में शिकायत दर्ज करने के बाद ही यह विज्ञापन हटाया गया। सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता अमिता सचदेवा के कानूनी हस्तक्षेप से यह सफलता मिली।
जो पुलिस विभाग जुआ खेलने वालों पर मामले दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करता है, उसी पुलिस की वर्दी में इस तरह का विज्ञापन बनाना पुलिस की छवि को धूमिल करने वाला और व्यावसायिक लाभ के लिए समाज को भ्रमित करने वाला है। इस विज्ञापन में ‘बड़े काम का खेल’ कहकर यह प्रचारित किया गया कि जुआ खेलना यह अपराध सुलझाने के लिए आवश्यक कौशल है, जो कि नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने पुलिस की वर्दी में किया था। साथ ही इसमें भगवद्गीता का भी अपमान किया गया था। इसलिए सुराज्य अभियान ने नवाजुद्दीन सिद्दीकी और ‘बिग कैश पोकर’ कंपनी पर कड़ी कानूनी कार्रवाई करने और भविष्य में पुलिस विभाग की छवि के दुरुपयोग को रोकने के लिए सख्त नीति अपनाने की माँग सरकार से की है।