‘एक जिला, एक उत्पाद’: नहीं बन पाई बात 

– केवल बैठकों का दौर जारी, रिपोर्ट आधी, अन्य कई जिलों की आ गई रिपोर्ट

नागपुर :- केंद्र सरकार (Central Government) के साथ-साथ राज्य सरकार (Maharashtra Government) ने ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (One district, one product) की संकल्पना पेश की है।

इसका मकसद हर जिले के उत्पाद को मंच प्रदान करना और उसे इंटरनेशनल मार्केट उपलब्ध कराना है। केंद्र और राज्य सरकार के आदेश के बाद सभी जिलों में इस पर कार्य आगे बढ़ा है। कई जिलों की रिपोर्ट भी आ चुकी है, जबकि नागपुर में केवल बैठकों का दौर जारी है। अब तक लगभग 8-9 बैठक हो गई हैं लेकिन रिपोर्ट नहीं बन पाई है। हर बैठक में लोगों की राय ली जाती है, पुनः विचार किया जाता है और परिणाम शून्य रह जाता है।

9 बैठकें हो चुकीं

बैठक के आरंभ में ही भारतीय प्रबंधन संस्थान को रिपोर्ट बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी। इसके लिए लगभग 1.5 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया गया था। आईआईएम की रिपोर्ट है का सभी इंतजार कर रहे लेकिन रिपोर्ट अब तक तैयार नहीं हो पाई है।

इस बीच एक अन्य कंपनी ‘मंथन’ ने भी अपनी रिपोर्ट पेश की है। एसपीएआरसी फाउंडेशन ने वेद के सहयोग से इस रिपोर्ट को तैयार किया है। विदर्भ विकास मंथन में कृषि, उद्योग, रोजगार, पानी, स्वास्थ्य, पर्यावरण, मिनरल पर फोकस किया गया है। इसमें विदर्भ की ताकत, चुनौती, नीति में बदलाव आदि पर बात की गई है। विदर्भ के विकास के लिए क्या-क्या कदम उठाये जाने चाहिए इस पर भी प्रकाश डाला गया है।

खासकर माइनिंग सेक्टर को बढ़ाने के लिए इस रिपोर्ट में काफी महत्व दिया गया है। आज माइनिंग और मिनरल सेक्टर अपेक्षित विकास नहीं कर पा रहा है। पर्यावरण मंजूरी के कारण यह सेक्टर बैठ सा गया है। स्पष्ट रूप से कहा गया है कि मिनरल का प्रोसेस नहीं होने के कारण राज्य को बड़ा नुकसान हो रहा है। मिनरल प्रोसेस यूनिट को बढ़ावा दिया जाना चाहिए ताकि रोजगार, विकास, राजस्व को बढ़ावा दिया जा सके।

आ गई 2 अन्य रिपोर्ट

आश्चर्य की बात यह है कि टाटा ने अपनी रिपोर्ट सौंपी है। टाटा को पूरे राज्य के लिए रिपोर्ट बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी। कंपनी ने पूरे राज्य का अध्ययन

आश्चर्य की बात यह है कि टाटा ने अपनी रिपोर्ट सौंपी है। टाटा को पूरे राज्य के लिए रिपोर्ट बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी। कंपनी ने पूरे राज्य का अध्ययन कर रिपोर्ट बनाई है। रिपोर्ट में नागपुर जिले के लिए भी सलाह दी गई है। नागपुर में एविएशन, लॉजिस्टिक, डिफेंस, आईटी, कॉटन उद्योग के लिए माहौल अनुकूल होना बताया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन सेक्टरों में फोकस कर काम करना चाहिए ताकि बेहतर रिजल्ट मिल सके। इन सेक्टरों में नागपुर जल्दी ग्रोथ कर सकता है।

कई राज्यों में काम भी शुरू

इस विषय को लेकर कई राज्यों में तेजी से काम किया गया और उत्पाद की पहचान कर उसके निर्यात की व्यवस्था तक कर ली गई। महाराष्ट्र में भी कई जिलों में ‘एक जिला, एक उत्पाद’ पर अच्छा काम हो रहा है और वस्तुओं की ब्रांडिंग और बिक्री को बढ़ावा दिया जाने लगा है। नागपुर अब तक ‘अंतिम’ निर्णय में नहीं पहुंच पाया है। यह अलग बात है कि लोग अलग-अलग उत्पाद को लेकर ब्रांडिग और मार्केटिंग कर रहे हैं। इसमें बांबू को भी काफी प्रोत्साहन दिया जा रहा है।

जानकारों ने बताया कि रिपोर्ट तैयार करने के लिए अब तक 9 बैठकें हो चुकी हैं। अधिकांश सदस्य बैठक में शामिल होते हैं। 1 जुलाई को काम सौंपा गया था और 2 माह में ही रिपोर्ट सौंपने को कहा गया था परंतु समिति के सदस्य ‘एक उत्पाद’ नहीं खोज पाए हैं।

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