संदीप कांबळे, विशेष प्रतिनिधी
कामठी :- हजरत मोहम्मद (स,अ,व) के नवासे हजरत ईमाम हुसैन (अ,स) और उनके 72 साथियों की कर्बला (ईराक) की धरती पर यादगार शहादत की याद में मनाया जाने वाला मोहर्रम का मुख्य जुलूस 17 जुलाई को ईमाम हुसैन और 72 साथियो की शहादत के दिन यौमे आशूरा के अवसर पर हुसैनाबाद इमाम बाड़ा हैदरी चौक से सुबह 10 बजे विशाल ताजियों के साथ जुलूसे अजा निकलेगा।
यौमे आशूरा मोहर्रम पर सुबह 8 बजे आमाले आशूरा हैदरी जामा मस्जिद में अदा किया जायेगा और आमाले आशूरा के तुरंत बाद इमाम बाडे में मजलिस अजा होगी। मजलिस के तुरंत बाद जुलूसे मातम निकलेगा। इस जुलूस के हैदरी चौक पर पहुंचने पर विभिन्न घरों में स्थापित ताजिये, अलमे मुबारक और हैदर हाजी मर्हूम के घर से जुलजेना निकलकर मुख्य जुलूस में शामिल होगा। जुलूस में विभिन्न संगठनों और निजी तौर पर शरबत, खिचड़ी, शीतल जल आदि का वितरण किया जायेगा। यह जुलूस मेन रोड होता हुआ दोपहर 2 बजे जूना कामठी पुलिस स्टेशन चौक पहुंचेगा जहां मौलाना हैदर अब्बास द्वारा करबला की घटना पर आधारित तकरीर होगी। तकरीर के फौरन बाद तलवारों और जंजीरों से मातम होगा। जुलूस मातम करता, नौहा पढता भाजीमंडी होता हुआ कर्बला नदी (गाड़ेघाट) पहुंचकर रात 8 बजे वापस हैदरी मस्जिद परिसर पर समाप्त होगा। फिर शामे गरीबां की मजलिस होगी। इसी के साथ मोहर्रम का मुख्य कार्यक्रम समाप्त होगा। परंतू आने वाले दो माह तक मोहर्रम के कार्यक्रम शुरू रहेंगे। सभी कार्यक्रम में शामिल होने की अपील धार्मिक संस्था शिया असना असरी के अध्यक्ष कल्बे हसन जाफरी, सचिव इसरारूल हसन सहित सभी सदस्यों ने की है। जुलूस में मर्सिया ख्वानी मसाहेब अली खतीब व हमनवा और नवाब मुजफ्फर अली व फोरात हुसैन, अजहर हुसैन आदि करेंगे। इसके साथ ही शहर व ग्रामीण भागों में अलग-अलग समुदाय के लोग भी अपने स्तर पर इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हुए सवारी उठाने के साथ ही अलाव पर चलना अनेक दरगाहों पर तकरीर, अनेक स्थानों पर शरबत, खिचड़ी का वितरण कार्यक्रम आयोजित होते है। कामठी में मोहर्रम कार्यक्रम देखने दूर-दूर से लाेग आते हैं।