– 316 में से 71 कॉलेजों को अनुमति
मुंबई :-मुंबई सहित महाराष्ट्र राज्य में 316 कॉलेज हैं जहां कानूनी शिक्षा प्रदान की जाती है। लेकिन 243 कॉलेजों में बार काउंसिल ऑफ इंडिया की मंजूरी या अनुमति का नवीनीकरण न होने की बात सामने आई है। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर ऐसे कॉलेजों में प्रवेश बंद करने की मांग की है।
महाराष्ट्र राज्य में मुंबई विश्वविद्यालय, पुणे विश्वविद्यालय, तिलक विश्वविद्यालय, शिवाजी विश्वविद्यालय, एसएनडीटी महिला विश्वविद्यालय, कोल्हापुर विश्वविद्यालय, राष्ट्रसंत तुकडोजी विश्वविद्यालय, शिवाजी विश्वविद्यालय, सावित्री बाई फुले विश्वविद्यालय, उत्तर महाराष्ट्र विश्वविद्यालय जैसे विश्वविद्यालय के 316 महाविद्यालय में से 71 को ही कॉलेज चलाने की अनुमति है। 2 कॉलेज बंद हैं। गवर्नमेंट लॉ कॉलेज, जीतेंद्र चौहान लॉ कॉलेज, केसी लॉ कॉलेज, पद्मश्री डीवाई पाटिल लॉ कॉलेज, सिद्धार्थ लॉ कॉलेज, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर लॉ कॉलेज, न्यू लॉ कॉलेज, रिजवी लॉ कॉलेज, एसएनडीटी लॉ कॉलेज, तिलक लॉ कॉलेज, मॉडर्न लॉ कॉलेजों में सिम्बायोसिस शामिल हैं लॉ कॉलेज, अंजुमन इस्लाम लॉ कॉलेज, बालासाहेब ठाकरे लॉ कॉलेज।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री के साथ-साथ उच्च एवं तकनीकी शिक्षा सचिव को लिखित पत्र भेजकर मांग की है कि परमिट स्वीकृत या नवीनीकृत नहीं होने पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया को प्रवेश प्रक्रिया रोक देनी चाहिए। गलगली ने कहा है कि जो लॉ कॉलेज बार काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता प्राप्त नहीं हैं या जो अपनी अनुमति का नवीनीकरण नहीं कराते हैं, उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई कर मान्यता रद्द करने की जरूरत है। दरअसल मुंबई विश्वविद्यालय या किसी अन्य विश्वविद्यालय को प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत से पहले अपने अधिकार क्षेत्र के सभी लॉ कॉलेजों के सभी दस्तावेज और अनुमति की जानकारी एकत्र करने की आवश्यकता होती है। गलगली ने कहा है कि यदि बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा अनुमति न मिलने या नवीनीकरण न होने के दस्तावेज प्रत्येक कॉलेज की वेबसाइट पर प्रदर्शित किए जाएं तो छात्र को सही स्थिति का एहसास होगा।