– काटोल ग्रामीण अस्पताल में दिव्यांगता जांच बोर्ड स्वीकृत
काटोल :- काटोल तथा नरखेड के दिव्यांगों को दिव्यांगता प्रमाणपत्र लेने के लिए नागपुर के मेयो अस्पताल जाना पड़ता था. इसी के चलते जिला परिषद सदस्य सलिल देशमुख ने दिव्यांगता प्रमाणपत्र काटोल में मिले इसकी पहल जिला परिषद स्वास्थ्य समिति के सदस्य तथा राकांपा के युवा नेता सलिल देशमुख द्वारा की गयी थी. इस मांग को नागपूर से मुंबई तक संबंधित विभाग के सभी कार्यालयों तक पहूंचकर दिव्यांगता की जांच लिये काटोल के ग्राम अस्पताल में विकलांगता बोर्ड के गठण के मांग को मंजूरी मिलने से अब विकलांगता प्रमाण पत्र केवल काटोल में ही उपलब्ध होगा।
काटोल ग्रामीण अस्पताल के माध्यम से विकलांगता जांच बोर्ड शुरू करने का प्रस्ताव तैयार कर जिला शल्य चिकित्सक को भेजा गया. जिला शल्य चिकित्सक की रिपोर्ट तैयार की गई और दिव्यांग कल्याण बोर्ड, पुणे के आयुक्तालय को सौंपी गई। इस बीच इस प्रस्ताव को मंजूरी देने के लिए सलिल देशमुख द्वारा मुंबई में मंत्रालय में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव मिलिंद म्हैसकर से मुलाकात की और काटोल के ग्रामीण अस्पताल में विकलांगता बोर्ड की अनुमति देने की मांग की. साथ ही दिव्यांग मंडल को स्वीकृति देने का भी अनुरोध किया.
आखिरकार, काटोल के ग्रामीण अस्पताल में विकलांगता बोर्ड को मंजूरी दे दी गई है। इससे अब काटोल में ही विकलांगता प्रमाण पत्र प्राप्त करने की प्रक्रिया पूरी हो जायेगी. फिलहाल इस संदर्भ में आईडी तैयार कर ली गई है और संबंधित लोगों को इसके लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। यहां हाथ, पैर और नेत्र विकलांगता प्रमाण पत्र बनाने का काम किया जाएगा। प्रक्रिया पूरी होने के बाद एक निश्चित दिन पर संबंधित विशेषज्ञ मेडिकल टीम उपस्थित रहेगी. सलिल देशमुख ने यह भी बताया कि इस सारी प्रक्रिया को पूरा करने में एक महीने का समय लगेगा और दिव्यांग मंडल को जल्द से जल्द लागू करने का प्रयास किया जा रहा है.