नागपुर :- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर इस बात का संकेत दिया कि वह प्रदेश की कमान राजद के युवा नेता तथा राज्य के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को सौंप सकते हैं। सत्तारूढ़ महागठबंधन के विधायकों की हुयी बैठक से निकले नेताओं ने इस बारे में जानकारी दी ।
जनता दल (यू) प्रमुख ने एक बार फिर इस बात से इंकार किया कि वह अगले लोकसभा चुनावों के लिए प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हैं। हालंकि, उन्होंने कहा कि ‘एकजुट विपक्ष’ 2024 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हरा सकता है। सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे भाकपा (माले) लिबरेशन के विधायक दल के नेता महबूब आलम ने कहा, ‘मुख्यमंत्री ने तेजस्वी की ओर इशारा करते हुये कहा कि वह भविष्य के नेता हैं, जिनके नेतृत्व में 2025 का विधानसभा चुनाव लड़ा जायेगा।’
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘हमारा विचार है कि इससे महागठबंधन को लाभ होगा, जो भाजपा के प्रतिनिधित्व वाली सांप्रदायिक ताकतों से लड़ रहा है। तेजस्वी एक युवा और ऊर्जावान नेता हैं।’ राजद के संस्थापक अध्यक्ष लालू प्रसाद के छोटे बेटे तेजस्वी ने 2020 के विधानसभा चुनावों में ‘महागठबंधन’ का नेतृत्व किया था, जिसने प्रभावशाली प्रदर्शन किया था। उस चुनाव में राजग को बड़ी मुश्किल से जीत मिली थी।
उस वक्त नीतीश राजग में थे। कुमार के विश्वस्त सहयोगी तथा राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा, ‘मुख्यमंत्री कुछ समय से कहते आ रहे हैं कि भविष्य तेजस्वी और उनके जैसे युवाओं का है। उन्होंने ऐसा कल नालंदा में भी कहा था, जहां मैं मौजूद था। उन्होंने आज फिर इसे दोहराया।’ कुमार ने कल अपने गृह जिले में एक डेंटल कालेज का उद्घाटन किया था और लोगों को संबोधित किया था तथा तेजस्वी यादव का समर्थन करने के बारे में बात की थी। चौधरी, मुख्यमंत्री के इसी भाषण का हवाला दे रहे थे।
संवाददाताओं ने जब तेजस्वी से इस बारे में टिप्पणी करने के लिये कहा तो उन्होंने संयम दिखाते हुये कहा, ‘वर्तमान में, हम एक साथ सरकार चला रहे हैं। हमें अपने सामने प्रमुख चुनौती पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है, और वह 2024 का लोकसभा चुनाव है।’
चौधरी ने कहा, ‘विधायकों की बैठक में कुमार ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि वह प्रधानमंत्री पद की दौड़ में नहीं हैं। लेकिन वह अब भी मानते हैं कि अगर विपक्ष एकजुट हुआ, तो 2024 में भारतीय जनता पार्टी को हराया जा सकता है और वह उस दिशा में काम करते रहेंगे।’
दूसरी तरफ, भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री नितिन नबीन ने कहा, ‘‘नीतीश कुमार अगर किसी को अपना उत्तराधिकारी बनाना चाहते हैं, तो उन्हें वास्तव में सत्ता सौंपने का नैतिक साहस दिखाना चाहिए। वह ऐसा नहीं कर पाएंगे, क्योंकि इससे जद (यू) में विद्रोह हो जाएगा। तेजस्वी के रिमोट कंट्रोल से शो (सरकार) चलाने से उनकी पार्टी के लोग पहले से ही खफा हैं।’
भाजपा के एक अन्य नेता और पूर्व मंत्री जिबेश कुमार ने जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाये जाने और उसके बाद उन्हें अकस्मात पद से हटाये जाने का हवाला देते हुये कहा, ‘नीतीश कुमार ऐसे व्यक्ति हैं, जो सत्ता के बिना नहीं रह सकते हैं। वह केवल तेजस्वी को धोखा दे रहे हैं। यह मुझसे लिखवा कर लें।’