सरकारी कर्मचारी डेपो में न होने से सेकड्रो ट्रांसफरो की खडी रह रही गाड़िया
सावनेर :- सावनेर तहसील के गोसेवाड्री सरकारी डेपो में रेती 12/06/2023 रेती से आधार कार्ड ऑनलाइन बुकिंग डेपो से रेती देना चालू हुआ है।परंतु दो दिनों से सरकारी डेपो से ले जा रहे ट्रांसपोर्ट मालिको का कहना है,की गोसेवाड्री सरकारी डेपो में 15/06/2023 रोज को डेपो में ठीक समय पर वहांन की लोडिंग नहीं की जा रही। डेपो में रहने वाले कर्मचारियों ने ट्रक ट्रेक्टर ट्राली भरना बंद कर दिया।और सभी रेती डेपो के कर्मचारी डेपो बंद कर कही और चले गए। मिली जानकारी के अनुसार कर्मचारियों से बात करने पता चल की कर्मचारियों को सरकारी रेती डेपो चलाना नहीं पूरा रहा उनका कहना है, की हम अपने अनुशार ही डेपो अपने हिसाब से डेपो चलाएंगे। जिसको जो कैप्मलेट करनी हो वो महसुल विभाग को कर लो हम देख लगे। गोसेवाडी गांव के ट्रैक्टर ट्रांसपोर्ट व अन्य ट्रांसपोर्ट का कहना है।कि गाड़ी लोडिंग करते समय ट्रैक्टर को 1 ब्रास माल मिलना चाहिए वही डिपो के कर्मचारी ट्रैक्टर में तीन बकेट ही माल दे रहे हैं। किंतु तीन बकेट रेती ट्राली में डालते ही ट्रैक्टर ट्राली में पल्ले के नीचे ही रेती आती है।ठीक तरीके ट्राली भी नहीं भर कर दी जाती।ट्रेक्टर ट्रांसफारो के लाख कहने पर भी घंटो से गड्डी खडी रहती है।ट्रेक्टर ट्राली ट्रांसफ्रोरो का ट्रेक्टर ट्राली पल्ला लेवल देना चाहिए।ताकि जहां पर भी ट्रेक्टर ट्रॉली के द्वारा वाहतुक रेती जा रह हो वहा पर ट्रेक्टर के द्वारा ले जा रही रेती खाली हो सके। ट्रेक्टर ट्राली खाली रह जाने के वजह से कोई भी रेती खाली नहीं करता उस वजह से ट्रेक्टर ट्रांसपोर्ट को नुकसान सहन करना पड़ रहा है।कस्टमर तो रेती बुकिंग कर देता है।लेकिन बुकिंग की हुई पावती ट्रांसपोर्टर के पास दे देता है। परंतु ट्रक्टर ट्राली खाली देख उसे रेती वहतुक किया गया भाड़ा नही मिल पाता। ग्राहकों का कहना है।की जब हम एक ब्रास का 600रू.प्रति ब्रास और कर वसूल के 83 रूपये ऑनलाइन बुकिंग के नेट कैफे में लगने वाला खर्च प्रति ब्रास के 100 रूपये पूर्ण रूपये से 783 रू. एक ब्रास का चुका रहे है। तो फिर रेती कम क्यू ले। वह ट्रक्टर ट्राली और ट्रक के जरिए किए गए ट्रांसप्रोटिंग के रूपये काट लिऐ जाते है।जिससे कि ट्रांसफारों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है।मिली जानकारी के अनुसार फोकलेंड की बकेट जो की वहांन के लोडिंग के रूप में इस्तेमाल होती है।इस बकेट में अच्छी खासी सीमेंट की परत जमा होने की वजह से बकेट में रेती कम आती है। जिसके कारण लोडिंग किए हुए वहांन में रेती की मात्रा कम हो जाति है।और इसका भुगतमान ट्रक या ट्रेक्टर ट्राली ट्रांसफारों को भुगतना पड़ता है। वही दूसरी और सरकारी रेती का डेपो स्टॉक चालू होने का समय सुबह 6 बजे का है।वही डेपो सुबह 10 बजे तो कभी 12,बजे से चालू होता है। चालू होने का कोई भी समय निर्धारित नहीं है। भले ही बंद करने का समय बरोबर 5से 6बजे का है। बीच में डेपो घंटो से बंद रखने की भी खबर सामने आई है। डेपो में एक ही फोकलैंड मशीन का इस्तेमाल होने की वजह से रेती भरने आई गाड़ियां की भीड़ बढ़ जाती है। और एक ही मशीन होने की वजह से गाड़ियां भरने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। जिसके कारण बहुत सी गाड़ियां खाली ही वापस चली जाती है जिससे कि ट्रांसपोर्टर को आने जाने का डीजल भाड़ा ट्रांसपोर्टिंग में लगने वाले खर्च का भारी पैमाने पर नुकसान सहन करना पड़ता है। डेपो में ठीक से रेती न मिलने की वजह से और डेपो में हो रही लापरवाही के कारण काम पर जानेवाले कामगार ठेकेदार बैठे के बैठे ही रह जाते है। मकान या अन्य बांधकाम के काम रुक जाते है।
महसुल विभाग द्वारा निगरानी की जरूरत
सरकारी डेपो के कर्मचारी की लापरवाही को रोकने के लिए महशूल विभाग की ओर से डेपो में एक महसुल विभाग का कर्मचारी नियुक्त किया जाना चाहिए। ताकि डेपो में पूर्ण रूप से देखरेख कर सके और सभी को डेपो में से बरोबर रेती मिल सके ताकि किसी भी ट्रांसपोर्टर का नुकसान होने से बच सके।