– अजित पवार ने कहा कि सदन में मंत्रियों को किसी पार्टी का बिल्ला लगाकर नहीं आना चाहिए
नागपुर :- नागपुर (Nagpur) में चल रहे महाराष्ट्र विधानसभा के शीतकालीन अधिवेशन सत्र के पहले दिन ही राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री और एनसीपी (NCP) नेता अजित पवार ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) समेत उनके पूरे मंत्रिमंडल की जमकर क्लास ली। राज्य के मंत्रियों द्वारा नए हथकंडे अपनाए जाने से अजित पवार (Ajit Pawar) काफी ज्यादा नाराज नजर आए। दरअसल कई मंत्री अपनी शर्ट की जेब पर पार्टी का चुनाव चिन्ह वाला बिल्ला लगाकर विधानसभा में आए थे। इसी बात पर अजीत पवार काफी नाराज नजर आए। उन्होंने कहा कि आप लोग मंत्री हैं अगर मंत्री इस तरह की हरकतें करेंगे तो विधानसभा में अनुशासनहीनता बढ़ेगी। सदन का कामकाज शुरू होते ही अजित पवार बोलने के लिए खड़े हो गए। सबसे पहले उन्होंने मंत्रियों की शर्ट पर लगे हुए पार्टी के बिल्ले का मुद्दा उठाते हुए उन्हें जमकर फटकारा। उन्होंने एकनाथ शिंदे को भी घेरते हुए कहा कि आप राज्य के मुख्यमंत्री हैं।मुख्यमंत्री राज्य का होता है किसी एक पार्टी का नहीं। इसी प्रकार मंत्री भी राज्य के होते हैं किसी एक पार्टी विशेष के नहीं होते।
ऐसे में आप जिस दल के लिए काम करते हैं उस दल के चिन्ह वाला बिल्ला लगाकर कोई भी सदन में नहीं आता है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में भाषण करते समय पार्टी का बिल्ला लगाकर नहीं आते। ऐसे में नए तरह के हथकंडे न अपनाएं। ऐसा करने से विधानसभा में अनुशासनहीनता बढ़ेगी।
कर्नाटक मुद्दे पर भी सरकार को घेरा
अजित पवार यहीं नहीं रुके उन्होंने सीमा विवाद के मुद्दे पर भी सरकार की जमकर खिंचाई की। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे के मद्देनजर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली में एक बैठक बुलाई थी। कुछ गांव कर्नाटक जाने की बात कह रहे हैं, मामला सुप्रीम कोर्ट में है। अमित शाह के साथ हुई बैठक में क्या बातचीत हुई यह मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को पता है। यह बातचीत जनता के समक्ष भी आना जरूरी है। पवार ने कहा कि बीते 6 दिसंबर को चंद्रकांत पाटील और शंभूराज देसाई कर्नाटक जाने वाले थे लेकिन महापरिनिर्वाण दिवस की वजह से वह नहीं गए।
उसके बाद यह तय किया गया कि कोई भी राज्य किसी भी राज्य के लोगों को आने जाने पर पाबंदी नहीं लगाएगा लेकिन लोकसभा के एक सांसद को कर्नाटक जाने से रोक दिया गया। सीमा विवाद के मुद्दे पर अदालत को जो फैसला देना होगा वह तो आएगा ही लेकिन इस तरह से लोकतंत्र की हत्या बर्दाश्त नहीं की जाएगी।