– SMART CITY अर्थात शहर पर बोझ व केंद्र सरकार का सफ़ेद हाथी
नागपुर :- SMART CITY प्रबंधन जब से नागपुर में विराजमान हुआ तब से एक भी प्रकल्प पूरा करने में सफलता प्राप्त करने में सफल नहीं हुए, दूसरी ओर METRO RAIL प्रबंधन आये दिन नए नए प्रकल्प साकार कर शहर को चकाचौंध करता जा रहा,नतीजा इन्हें अन्य प्रकल्प को भी सफल अंजाम देने के लिए जिम्मेदारी दी जा रही,वहीं दूसरी ओर स्मार्ट सिटी प्रबंधन का मूल उद्देश्य कागजों तक सीमित रह गया और खजाना खाली होता जा रहा,इतना ही नहीं अन्य विभागों के मामले में भी दखल देकर उनके सकारात्मक मंसूबे पर पानी फेर रहा है।
हाल ही में मेट्रो रेल प्रबंधन ने वर्धा मार्ग स्थित छत्रपति चौक जो कभी वीरान से दिखता था,उस महत्वपूर्ण चौराहा को नए नए कलाकृति से लबरेज कर चकाचौंध कर दिया तो दूसरी तरफ स्मार्ट सिटी प्रबंधन इसी चौक पर सिग्नल खड़ा करने को लेकर अड़ी हुई है,जिस जगह पर स्मार्ट सिटी सिग्नल खड़ा करना चाह रहा,उस जगह से मेट्रो द्वारा किया गया कलाकारी पर ग्रहण लग रहा है। इस मामले में स्मार्ट सिटी प्रबंधन से M.O.D.I. FOUNDATION ने सलाह दी कि सिग्नल को आगे पीछे करके मेट्रो द्वारा की गई सुंदरता को कायम रखा जाए,लेकिन स्मार्ट सिटी प्रबंधन अपने अड़ियल रवय्ये के कारण इस संगठन की सलाह को दरकिनार कर दिया। फाउंडेशन के मनना है कि स्मार्ट सिटी प्रबंधन अपने स्मार्टनेस का परिचय दे दे तो दोनों महत्वपूर्ण विभागों की साख बच जाती और दोनों विभागों की सर्वत्र सराहना होती लेकिन स्मार्ट सिटी प्रबंधन अपने अड़ियल रवय्ये से न खुद के तय उद्देश्य और न ही अन्य विभागों के उद्देश्यों को पूर्ण होने दे रही है,नतीजा आम जनता का कर बर्बादी के कगार पर पहुंच चुका है।
उल्लेखनीय यह है कि स्मार्ट सिटी का उद्देश्य सम्पूर्ण शहर को स्मार्ट करना था,लेकिन वह पूर्व नागपुर तक सीमित हो गया। इसके अलावा स्मार्ट बस स्टैंड लगाए जरूर लेकिन वहां लगे कीओस्क धूल के हवालेछोड़ दिये। अब चौराहों पर सिग्नल लगा रहे,वह भी मनमानी करते नज़र आ रहे।
स्मार्ट सिटी प्रबंधन का साफ साफ कहना है कि वे केवल सड़कों के निर्माण पर ध्यान केंद्रित कर ,जबकि सड़क निर्माण का काम एनएमसी,नासूप्र,पीडब्ल्यूडी आदि कर ही रही फिर स्मार्ट सिटी को वही काम दोहराने की जरूरत क्या है,अर्थात ‘दाल में काला है’,वहीं कामों को तरजीह दी रही क्योंकि इसमें व्यक्तिगत स्वार्थ कुछ ज्यादा ही है,मनपा लोककर्म विभाग और उसके मुखिया इसी लिए जाने जाते है,इन्हीं के नेतृत्व में सीमेंट सड़क घोटाला हुआ और साफ सुथरी छवि के आयुक्त घोटाले को दबाने की कोशिश कर रहे,स्मार्ट सिटी प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मनपा आयुक्त है,जिनसे छत्रपति चौक मामले में दखल देने की सख्त जरूरत है।
M.O.D.I. FOUNDATION ने आरोप लगाया कि मनपा को चुना लगाने वाले या फिर अन्य विभागों के विवादास्पद कर्मी/अधिकारी अब स्मार्ट सिटी प्रबंधन का हिस्सा बनकर स्मार्ट सिटी प्रकल्प के मंसूबे पर पानी फेर रही है।SMART CITY प्रबंधन में कुछ वर्ष पहले दर्जन भर से अधिक विशेषज्ञों की भर्ती की गई थी,जिसे तत्कालीन विवादास्पद आयुक्त तुकाराम मुंढे ने इसलिए निकाल दिया था क्यूंकि वे सभी के सभी भ्रष्टाचार में सहयोग नहीं कर रहे थे,वहीं मनपा से प्रतिनियुक्ति पर आये कर्मी भ्रष्टाचार में भरपूर सहयोग कर रहे है और लीपापोती में लीन है,इसलिए वे स्मार्ट सिटी प्रबंधन का हिस्सा हैं.स्मार्ट सिटी का मुखिया खुद ऐसे कर्मियों को संरक्षण देकर अपने दामन पर कीचड़ उछलवा रहा हैं.
समय रहते छत्रपति नगर चौक का मामला को SMART CITY प्रबंधन ने गंभीरता से नहीं लिया तो M.O.D.I. FOUNDATION न्यायालय की शरण में जाएगी,इससे होने वाली प्रत्येक नुकसान के जिम्मेदार SMART CITY और NMC प्रबंधन की होगी।
– भूमिका जी. मेश्राम