महिला उम्मीदवार को घर बैठाने के लिए मेश्राम ने किया मेश्राम के साथ विश्वासघात

  – कांग्रेस सरपंच के उम्मीदवार सह भाजपा के प्रतिस्पर्धी उम्मीदवारों ने खेला खेल

कोदामेढ़ी :- स्थानीय ग्रामपंचायत के चुनाव में पक्षीय स्पर्धा को दरकिनार कर सक्षम सह सर्वधर्म सर्व समाज मे पैठ रखने वाले एकता पैनल के प्रमुख भगवान बावनकुले और कल्पना मेश्राम को घर बैठा दिया,यह और बात है कि एकता पैनल के कुल 12 में से 9 सदस्य ने जीत दर्ज की। उक्त खेल कत्ल की रात को कांग्रेस के सरपंच उम्मीदवार और उपसरपंच की चाहत रखने वाले भाजपा के मेश्राम ने अंदरूनी गठबंधन कर न सिर्फ एक दूसरे को पूर्ण मदद की बल्कि कहीं कोई चूक न राह जाए इसलिए प्रत्येक मतदाता को आर्थिक सहयोग असोचनीय ढंग से की,नतीजा भाजपा की ओर से पुनः सरपंच भगवान बावनकुले और संभवतः उपसरपंच कल्पना मेश्राम हो सकती थी। क्योंकि कल्पना मेश्राम अब हार चुकी है,इसलिए तय रणनीति के अनुसार भाजपा का विजयी उम्मीदवार मेश्राम ही उपसरपंच बनना तय माना जा रहा है। एकता पैनल की समर्थक एकता मेश्राम और भूमिका मेश्राम ने आरोप लगाया कि एक सर्वगुण सम्पन्न महिला को हराने के लिए न सिर्फ भाजपा-कांग्रेस ने हाथ मिलाई बल्कि समाज के मतदाताओं ने भी दगाबाजी कर कल्पना मेश्राम के साथ अन्याय किया। एकता और भूमिका का मानना है कि उक्त अन्याय करने के पीछे सिर्फ सरपंच पर के विजयी उम्मीदवार और संभावित भाजपा के उपसरपंच का मुख्य उद्देश्य घातक है,जो ग्राम हित में नहीं है। भाजपा के शेष 8 विजयी सदस्यों ने भगवान बावनकुले व कल्पना मेश्राम की हार को गंभीरता से लेते हुए वादा किया कि आगामी कार्यकाल में सरपंच और संभावित उपसरपंच मेश्राम की मनमानी नहीं चलने देंगे,अगर करने की कोशिश की तो मीडिया के मार्फत जिलाधिकारी सह पालकमंत्री का ध्यानाकर्षण करवाने से नहीं चूकेंगे।

Contact us for news or articles - dineshdamahe86@gmail.com

NewsToday24x7

Next Post

विधानसभा अध्यक्षांचे वर्तन निपक्षपाती असावे - हेमंत पाटील

Wed Dec 21 , 2022
– विरोधकांनाही योग्य संधी देण्याची आवश्यकता मुंबई :- राज्याचे हिवाळी अधिवेशन गेल्या दोन वर्षांच्या खंडानंतर नागपूरमध्ये होत आहे.विरोधकांनी अधिवेशनादरम्यान सत्ताधाऱ्यांना विविध मुद्दयांवर घेरण्याची पुर्ण तयारी केली आहे. सभागृहाच्या कामकाजात विरोधकांसह सत्ताधाऱ्यांना योग्य न्याय देण्याची जवाबदारी त्यामुळे विधानसभा अध्यक्ष तसेच विधान परिषदेच्या सभापतींचे असते.पंरतु, अध्यक्ष आणि सभापती सभागृहातील सदस्यांमधूनच निवडले जात असल्याने पक्षासोबत असलेल्या बांधिलकीमुळे ते निपक्षपाती काम करू शकत नाहीत. […]

You May Like

Latest News

The Latest News

Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com