– मनपा और जिलाधिकारी कार्यालय सो रहा गहरी नींद में,सम्बंधित विभाग/मंत्रालय बेच रहे केंद्र
नागपुर :- शिवसेना जब जब सरकार में आई तब तब अपने कार्यकर्ताओं को ‘सेट’ करने के हिसाब से गोर-गरीबों से जुड़ी योजनाएं लाई.पहले ‘झुनका भाकर केंद्र’ फिर ‘शिव भोजन थाली केंद्र’. ‘झुनका भाकर केंद्र’ से होने वाले लाभ के मद्देनज़र ‘शिव भोजन थाली केंद्र’ हथियाने के लिए होड़ सी मच गई थी. इस योजना के वक़्त स्थानीय जिलाधिकारी,तत्कालीन पालकमंत्री,तत्कालीन सत्ताधारी नेताओं सह कई राशन दुकान संचालकों ने केंद्र हथियाए।नागपुर जिले में सबसे ज्यादा केंद्र सह राशन दुकानों का संचालन नागपुर महानगरपालिका का अदना सा कर्मी कर रहा,दूसरी ओर केंद्र और राज्य में सत्ताधारी सिर्फ राजनैतिक बयानबाजी में अपना कार्यकाल निपटा दिए.एम्ओडीआई फाउंडेशन ने उक्त मामले की उच्च स्तरीय जाँच की मांग की है,समय रहते अगर सूक्ष्मता से जाँच कर ठोस कार्रवाई नहीं की गई तो फाउंडेशन न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी,इससे होने वाली निक्सन के जिम्मेदार मनपा आयुक्त और जिलाधिकारी की होगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त मनपा कर्मी एक राष्ट्रीय पार्टी के पूर्व मंत्री का खासमखास कार्यकर्ता हैं.यह पूर्व मंत्री इस विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा चर्चे में रहा,5 दिन पूर्व कांग्रेस छोड़ी,वंचित आघाडी ज्वाइन कर विधानसभा की टिकट ली,फिर फॉर्म भरने के दिन फॉर्म भरने से वंचित रह गए,फिर बड़ी सौदेबाजी के तहत पुनः कांग्रेस ज्वाइन कर ली.
इस पूर्व मंत्री पर कांग्रेस से ज्यादा भाजपा के स्थानीय नेता मेहरबान रहे.फिर चाहे चुनाव जीतने का मामला हो या फिर इसकी शैक्षणिक संस्थान को मिलने वाली योजनाओं का मामला हो.
इसी पूर्व मंत्री के कार्यकर्ता जो मनपा में अदना सा कर्मी अपने परिजनों के नाम पर और परिजनों के नाम युक्त ‘बचत समूह’ बनाकर कई राशन दुकान और शिव भोजन थाली का केंद्र का संचालन कर रहे हैं.मनपा समाज कल्याण सूत्रों की माने तो इस कर्मी के परिजनों से जुड़ी कुछ राशन दुकान खुद के है और शेष किराये पर लेकर चला रहे है.
इसके अलावा परिजनों के नामयुक्त बचत समूह के नाम पर कुछ शिव भोजन थाली और शेष डेढ़ दर्जन शिव भोजन केंद्र किराये पर लेकर सफल संचालन कर रहे हैं.अर्थात उक्त मनपा कर्मी प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से 8 राशन दुकान और 20 शिव भोजन थाली का संचालन कर रहा हैं.
राशन दुकान का संचालन का तरीका
इनके 8 केंद्रों में 2500 से अधिक राशन कार्ड धारक है,इनमें से जो राशन नहीं उठाते,उनके पास जाकर या उन्हें बुलाकर उनका अंगूठा लगवा लेते है और उनके हिस्से का राशन जरूरतमंदों को कालाबाज़ारी के तहत बेचते आ रहे हैं.राशन दुकान की चावल अमूमन बेच दी जाती है,शक्कर तो अधिकांश गायब ही रहते है,इसके खरीददार अमूमन ठेले पर साउथ इंडियन नाश्ता बनाने वाले देखे गए हैं.
शिव भोजन थाली हथियाने का तरीका
मनपा के सामाजिक कल्याण विभाग अंतर्गत कई महिला बचत समूह पंजीकृत करवाए है,इसके अलावा कई अन्य पंजीकृत बचत समूह को सामने रख सम्बंधित मंत्रालय के अधिकारियों से आर्थिक लेनदेन कर डेढ़ दर्जन से अधिक शिव भोजन थाली केंद्र का संचालन कर रहे हैं.इनसे जुडी मनपा के HOD, सम्बंधित मंत्रालय के अधिकारियों का समय समय पर उनके द्वारा दिए गए केंद्र के बदले उन्हें नागपुर दौरे पर सर्वसुविधायुक्त सेवाएं देने में माहिर हैं.शिव भोजन थाली अपने आप में बड़ा घोटाला है,किसी को 75 तो किसी को 100 थाली प्रत्येक केंद्र के तहत दिया गया है,केंद्र संचालक प्रत्येक लाभार्थी का फोटो निकाल 10 रूपए लेकर थाली देते है,उसके बदले शासन 40 रूपए प्रति थाली केंद्र संचालक को दे रही हैं.रोजाना केंद्रों में न 75 और न हो 100 लाभार्थी पहुँचते है ,ऐसे में केंद्र संचालक आसपास से लोगो को पकड़ पकड़ कर फोटो खींच शासन के सामने आंकड़ा पेश कर सरकारी खजाने को लूट रहे हैं.
उल्लेखनीय यह है कि उक्त मनपा कर्मी की मासिक आमदनी मनपा का मासिक वेतन,राशन दुकान का कमीशन,शिव भोजन थाली अंतर्गत प्रत्येक लाभार्थी के पीछे 40 रूपए शासन दे रही हैं.क्योंकि भाजपा के साथ सांठगांठ है इसलिए भाजपा ने चुप्पी साध रखी है।