नागपुर :- श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ नवजीवन कॉलोनी, वर्धा रोड, नागपुर में भव्य और आध्यात्मिक वातावरण के साथ हुआ। इस पवित्र आयोजन के कथा वाचक डॉ. बद्रिप्रपण्णाचार्य (चित्रकूट निवासी) ने अपने प्रवचनों में मानव जीवन के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह जीवन केवल सांसारिक सुख-सुविधाओं के लिए नहीं, बल्कि भगवान के स्मरण और उनकी भक्ति में बिताने के लिए है।
उन्होंने कहा, “जीव अपनी बुद्धि की माया जाल में फंस जाता है और दुनिया की दौलत, प्रतिष्ठा और भौतिक सुख-सुविधाओं के पीछे भागता रहता है, लेकिन ये कभी तृप्ति नहीं दे सकते। असली शांति और संतोष तो भगवान की शरण में जाकर, उनका स्मरण करते हुए और उनकी भक्ति में लीन होकर ही प्राप्त होता है। इसलिए हमें सब कुछ छोड़ कर भगवान की आराधना करनी चाहिए।”
कथा के दौरान ध्रुव चरित्र और नरसिंह भगवान का अवतार की महिमा पर भी विस्तार से चर्चा की गई। डॉ. बद्रिप्रपण्णाचार्य ने ध्रुव के सत्य, विश्वास और भगवान के प्रति अडिग भक्ति के उदाहरण को सभी के सामने रखा और बताया कि किस तरह भगवान ने नरसिंह अवतार लेकर अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा की और दुराचारियों का विनाश किया। इन कथाओं ने श्रद्धालुओं को भगवान की महिमा और उनके प्रति पूर्ण समर्पण का संदेश दिया।
साथ ही, उन्होंने संतों की महिमा और गृहस्थ जीवन में रहते हुए परम भागवत बनने के मार्ग पर भी प्रकाश डाला। डॉ. बद्रिप्रपण्णाचार्य जी ने बताया कि संतों के आशीर्वाद और मार्गदर्शन से ही जीवन में सच्चे सुख और शांति की प्राप्ति होती है। उन्होंने यह भी कहा कि गृहस्थ रहते हुए भी भगवान के चरणों में भक्ति का आश्रय लेकर, संसारिक जिम्मेदारियों के साथ-साथ आध्यात्मिक उन्नति की जा सकती है।
इस आयोजन का आयोजन दायमा परिवार द्वारा किया गया है। कथा का यह आध्यात्मिक अनुष्ठान 3 जनवरी 2025* तक प्रतिदिन 2:30 pm आयोजित किया जाएगा। कथा के दौरान सुंदर भजनों, प्रवचनों और आध्यात्मिक चर्चा ने श्रद्धालुओं को भाव-विभोर कर दिया।
डॉ. बद्रिप्रपण्णाचार्य ने कथा के माध्यम से यह संदेश दिया कि ईश्वर की भक्ति और धर्म का पालन ही जीवन को सार्थक बनाता है। आयोजन स्थल पर भव्य सजावट और श्रद्धालुओं की अपार भीड़ ने कार्यक्रम को अत्यंत सफल बना दिया। कथा का लाभ लेने कोलकाता से भूपेंद्र जी व्यास , हैदराबाद से गोवर्धन जी व्यास, उद्योग पति अजय बिंदल , सतीश रैना , प्रकाश सिंघानिया , श्रवण जी मालू और b c bhartiya ji विशेष रूप से भागवत कथा मै पधारे।