– प्रतिमाह लाखों का खर्च फिर भी दुर्गंध कायम
नागपुर – शहर के बस्तियों में स्थित सार्वजनिक शौचालय धीरे धीरे समाप्त हो रहे हैं.नागपुर में फिलहाल 34 सार्वजनिक शौचालय होकर उस पर प्रतिमाह लाखों रुपए मनपा खर्च कर रही है फिर भी शौचालय में गंदगी का साम्राज्य देखने को मिलता है.
कोरोना काल में सभी सार्वजनिक शौचालय शहर में बंद रखे गए थे,इसके बाद धीरे-धीरे अनलॉक होते ही शौचालय शुरू किए गए परंतु सार्वजनिक शौचालय की अवस्था अत्यंत गंभीर दिखाई देती है. नागपुर में भी विभिन्न शौचालयों में गंदगी का साम्राज्य है. सड़क से आने जाने वाले नागरिकों को असुविधा ना हो इसलिए शहर में जगह-जगह सार्वजनिक शौचालय की व्यवस्था की गई है. यह शौचालय स्थानीय प्रशासन स्तर पर कार्यरत है परंतु इसमें शौचालय की आज की स्थिति अत्यंत गंदगी होने की चर्चा है इसलिए नागरिकों के लिए बनाए गए इस स्वच्छता गृहों का हाल बेहाल है. अधिकांश शौचालय अभी भी बंद होने की बात कही जाती है इसलिए अनेक नागरिकों की सुविधा भी हो रही है.
शहर में फिलहाल 34 सार्वजनिक शौचालय होकर उनकी देखभाल मनपा को करनी पड़ती है,इन शौचालय की सफाई की जिम्मेदारी उन्हें की ब्रिक्स कंपनी को सौंपी गई इस कंपनी का ठेका कब का खत्म हो चुका है फिर भी मनपा का स्वास्थ्य विभाग इस कंपनी पर मेहरबान दिखाई देता है यह कंपनी शौचालयों की सफाई ना करते हुए भी मनपा स्वास्थ्य विभाग इस कंपनी को प्रतिमा माह 2500000 रुपए दे रहा है यह ब्रिक्स कंपनी और मनपा अधिकारियों की सांठगांठ होने की चर्चा है शहर में अनेक स्वच्छता गृहों में कहीं पानी ही नहीं तो कहीं स्वच्छ रखने के लिए लगने वाला साबुन ब्रश आदि साहित्य उपलब्ध नहीं इसलिए सार्वजनिक शौचालय में गंदगी का साम्राज्य दिखाई देता है.