नागपूर :- बुधवार दिनांक 26 जुलाई 2023 को मणिपुर में चल रहे हिंसा, हाल ही में महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने बलात्कार करने की घटना के खिलाफ तथा मोदी सरकार द्वारा मौन धारण करने के विरोध में श्रमिक संगठनों ने जमकर प्रदर्शन किया! प्रदर्शन मुंजे चौक पर संपन्न हुआ! प्रदर्शन का नेतृत्व कामगार नेता भाई जम्मू आनंद ने किया! “मणिपुर के मामले में मोदी सरकार चुप क्यों, जवाब दो – जवाब दो” “मणिपुर में हिंसा कौन है इसका जिम्मेदार, मोदी सरकार – मोदी सरकार”,”मणिपुर में क्यों नहीं जाते मोदी, जवाब दो – जवाब दो”, “मणिपुर की महिलाओं के साथ सारा देश खड़ा है – खड़ा है”, आदि नारों से परिसरगूंज उठा!
मणिपुर में पिछले 3 महीने से लगातार हिंसा की घटनाएं, आगजनी की घटनाएं, कत्लेआम की घटनाएं आ रही है और इसके पीछे जो ताकते हैं, तमाम घटनाओं के लिए जिम्मेदार है माथैई और कुकू जमात के बीच में जिस प्रकार का अविश्वास और बदले की भावना जगाई गयी है उसी का खामियाजा आज पूरा मणिपुर भुगत रहा है! एक तरफ मणिपुर के जन जातियों के बीच में झगड़ा लगवाया गया तो दूसरी तरफ मणिपुर के पहाड़ो और पहाड़ों के नीचे अपार खनिज सम्पाती को देश के पूंजीपतियों के हवाले करने का पूरा कार्यक्रम मोदी सरकार ने बना कर रखा है!
ऐसे सूरत में मणिपुर जो देश का एक सीमावर्ती राज्य है एक संवेदनशील भूभाग से केंद्रित है ऐसे इलाके में अशांति को देखते हुए भी देश के प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर पर एक शब्द बोलने को तैयार नहीं, मणिपुर का दौरा करने को तैयार नहीं, मणिपुर के लोगों से शांति बहाल करने का आह्वान करने को तैयार नहीं यहां तक की सदन में मणिपुर के बारे में कुछ टिप्पणी करने को भी तैयार नहीं है! ऐसे में जो हालात मणिपुर के आज बने हैं उसके लिए मोदी सरकार और स्वयं प्रधानमंत्री मोदी जिम्मेदार है!
अंत में लोगों ने नारे लगाया कि “मणिपुर हमारा है देश हमारा है”, “मणिपुर की जनता के साथ पूरा देश खड़ा है” आज के नारे निदर्शन में नागपुर महानगर पालिका एवजदार कामगार संघटना, नागपुर महानगरपालिका ठेकेदार कामगार संघटना, नागपुर जिला ऑटो चालक मालक महासंघ, कामगार एकता यूनियन, नागपुर महानगरपालिका अस्थायी आरोग्य कर्मचारी संघटना और नागपुर जिला पथ विक्रेता (हॉकर) संघ (सलग्न: नेशनल हॉकर फेडरेशन) के साथी बड़ी संख्या में उपस्थित होकर अपनी एकता और संवेदनाओं का प्रदर्शन किया!
नारे निदर्शन को सफल बनाने हेतु शिरीष फुलझले, कविता धीर, संतोष कांबले, निलेश खडसे, किरण ठाकरे, निखद सैयद, जयंता गजभिए, धरती दुरुगवार, लक्ष्मी चौहान, मोहन बावने, चंद्रकांत वानखेडे, अनीता मेंढे, चंद्ररेखा जनबंधु, इंदु गजभिये ने अथक प्रयास किया!