कोयला परिवहन घोटाले की घटना खापरखेडा थाना क्षेत्र की है
नागपूर – कोराडी पावर प्लांट के लिए आयतित कोयला परिवहन घोटाले मामले मे निर्दोष 3 अधिकारियों को निलंबन करवा की गयी है, यह पक्षपात एवं भेदभाव पूर्ण कार्यवाई महानिर्मिती के खनिक कर्म निदेशक पुरुषोत्तम जाधव की अध्यक्षता मे गठित जांच समिति ने मामले की निष्पक्ष व सूक्ष्म जांचपडताल किये बिना निहत्ये निर्दोष व निरपराध अभियंताओं दोषी ठहराते हुए की है ।
तत्संबंध मे बिजली प्रबंधन के अभियंत्रिकी विशेषज्ञों की माने तो कोयला परिवहन घोटाले की घटना कोराडी पावर प्लांट की नहीं अपितु खापरखेडा कामठी रोड स्थित बारेगांव मोड पर की है lजबकि घटना के समय कोराडी पावर प्लांट के कार्यपालन अभियंता सुधीर पंजाबी,उप कार्यपालन अभियंता नरेश सिंह तथा सुरक्षा अधिकारी शरद पाण्डेय बिजली केन्द्र मे अपनी जिम्मेदारी संभाले हुए थेl जानकार सूत्रों की माने तो यह कोयला स्मगलिंग की घटना कोराडी पावर प्लांट के आंतरिक परिसर मे हूई होती तो इन अधिकारियों को दोषी ठहराया जाना उचित थाlपरंतु यह घटना खापरखेडा पुलिस स्टेशन अंतर्गत होने के कारण उक्त अधिकारियों को कैसे दोषी ठहराया जा सकता हैl जबकि इस मामले मे प्रमुख्य आरोपी है पेशेवर कोयला स्मगलर संबंधित अपराधी,दूसरा कोयला परिवहन ठेकेदार तथा अवैध कोयला बिक्रेता और खरोददारों पर कठोर कारवाई किया जाना चाहिये था ।
कोयला के दामों मे पत्थर खरीदी मे MD पर कार्यवाई हो?
महानिर्मिती के सभी पावर प्लांटों मे बिजली उत्पादन के लिए जो कोल फिल्ड्स लिमिटेड की अनुसांगिक सहायक विभिन्न कोयला खदानों से कोयला आपूर्ती किया जा रहा हैlजिसमे करीबन 15 से 20 %प्रतिशत पत्थर कोयला के दामों पर खरीदा जा रहा हैl प्राप्त सबूतों के अधार पर महानिर्मिती पावर प्लांटों मे कोयला मे से पत्थर छंटाई के लिए करोडों रुपये खर्च किया जा रहा है। कोयला के दामों मे पत्थर खरीदी मामले मे महाराष्ट्र शासन ने प्रबंध निदेशक ,बिजली उत्पादन निदेशक व वित्त निदेशक पर कार्यवाई की गाज गिर सकती है क्या? इन जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई कार्यवाई नहीं हो रही हैl जबकि कोयला परिवहन घोटाले पिछले कई अरसों से शुरु हैlबताते है कि महानिर्मिती मे सुनियोजित तरीके खुन्नस की राजनीति खेली जा रही है?