गोवा :-“फिल्मों में महिलाओं का समय आ रहा है”, यह बात गोवा में आयोजित 54वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) में ‘विश्व सिनेमा श्रेणी’ के अंतर्गत प्रदर्शित लातवियाई फिल्म फ्रैजाइल ब्लड की निर्देशक ऊना सेल्मा ने कही। ऊना सेल्मा 22 नवंबर 2023 को 54वें इफ्फी में अपनी फिल्म के अंतर्राष्ट्रीय प्रीमियर के बाद प्रतिनिधियों और मीडिया से बातचीत कर रही थीं।
फिल्म की उत्पत्ति के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, “मैं कार्यस्थल और क्लबों दोनों ही स्थानों पर कई महिलाओं से घरेलू हिंसा के बारे में सुनती आई हूं और इसी बात ने मुझे इस विषय पर फिल्म बनाने के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया।” सेल्मा ने जोर देकर कहा कि यह फिल्म शारीरिक हिंसा को चित्रित करने के दायरे से आगे बढ़ जाती है और महिलाओं के साथ होने वाली मनोवैज्ञानिक एवं यौन हिंसा को सामने लाती है। मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, “कानून और कानून प्रवर्तन एजेंसियों की मौजूदगी के बावजूद, घरेलू हिंसा जारी है।”
ऊना सेल्मा ने अपने देश में फिल्म निर्माण के क्षेत्र में महिलाओं के प्रवेश को रेखांकित करते हुए अपनी बात समाप्त की। उन्होंने कहा, “समय बदल रहा है और फिल्म निर्माण उद्योग में शामिल होने वाली महिलाओं की संख्या में पहले की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।”