इनोवेटिव एंजियोप्लास्टी – डॉ. नितिन तिवारी द्वारा मध्य भारत में एक और पहली बार

नागपूर :- मध्य भारत के अग्रणी स्वास्थ्य सेवा अस्पताल, वोक्हार्ट हॉस्पिटल्स नागपुर ने 69 वर्षीय पुरुष मरीज पर अपनी तरह की पहली इनोवेटिव एंजियोप्लास्टी कर मरीज की जान बचाकर एक बार फिर खुद को साबित किया है।

एक 69 वर्षीय उच्च रक्तचाप से ग्रस्त, मधुमेह से पीड़ित सज्जन, जिन्हें दिल का दौरा पड़ा था, वोक्हार्ट हॉस्पिटल्स नागपुर में आए और डॉ. नितिन तिवारी (सीनियर इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट) ने उनकी जाँच की। मरीज की 2011 में लखनऊ में एंजियोप्लास्टी हुई थी।उन्हें बार-बार एनजाइना (सीने में दर्द) होता था और इसलिए डॉ. नितिन तिवारी ने उनकी कोरोनरी एंजियोग्राफी की, जिसमें पुराने स्टेंट में 100% ब्लॉकेज का पता चला। यह स्टेंट पहली पीढ़ी (पुराने प्रकार का स्टेंट) था जो ब्लॉक हो गया था। मरीज को एलएडी में एक और ब्लॉक भी था जिसे स्टेंट लगाया गया था। डॉ. नितिन तिवारी ने पुराने ब्लॉक्ड स्टेंट की एंजियोप्लास्टी और स्टेंटिंग करने का निर्णय लिया।ब्लॉक को पार करने के लिए कठोर तारों का उपयोग किया गया । ब्लॉक को फुलाने के लिए बलून्स का इस्तेमाल किया गया और उनमें से एक बलून फट गया जिससे हृदय की मध्य आर्टरी में छेद (परफोरेशन) हो गया। यह एक गंभीर जीवन-घातक जटिलता है जो लगभग 0.5% एंजियोप्लास्टी में देखी जाती है।

डॉ. नितिन तिवारी ने बैलून से काफी देर तक डाइलेटेशन कर इलाज किया। फिर उन्होंने अवरुद्ध स्टेंट में प्रत्येक 60 सेकंड के लिए दो ड्रग इल्यूटिंग बैलून (डीईबी) के साथ अवरुद्ध स्टेंट को चौड़ा किया और फिर छेद (परफोरेशन) के क्षेत्र में एक कवर स्टेंट (कपड़े या पीटीएफई से बना) डाल दिया।

डॉ नितिन तिवारी ने कहा कि कवर किए गए स्टेंट का नुकसान यह है कि उनमें से 30% स्टेंट 6-12 महीनों के भीतर दोबारा ब्लॉक हो जाते हैं, लेकिन डीईबी के साथ इसका उपयोग करने से रीब्लॉकेज की संभावना को 5% से कम किया जा सकता है। यह मेडिकेटेड स्टेंट में डीईबी + कवर स्टेंट का उपयोग करने का एक नया तरीका था जो अवरुद्ध हो गया था। डीईबी का उपयोग फैलने वाली बीमारी, छोटी शाखाओं आदि के लिए भी किया जा सकता है।

डॉ. नितिन तिवारी , एक समर्पित पेशेवर ने चुनौती स्वीकार की और सभी प्रतिकूलताओं के खिलाफ खड़े रहे और दृढ़ संकल्प के साथ इनोवेटिव एंजियोप्लास्टी की जिससे मरीज की जान बच गई। ऐसे समय में यह एक महत्वपूर्ण बिंदु था जहां उन्होंने साहसिक निर्णय लिया और एंजियोप्लास्टी की। यह मध्य भारत में किया गया पहला मामला है और इसमें प्रक्रिया के दौरान नवीन सोच और साहसिक निर्णय लेना शामिल था।

डॉ. नितिन तिवारी पिछले 20 वर्षों से वोक्हार्ट हॉस्पिटल्स से जुड़े हुए हैं। एक संवेदनशील , ईमानदार और समर्पित पेशेवर डॉ. तिवारी को जटिल एंजियोप्लास्टी में 25000 से अधिक हस्तक्षेप करने का श्रेय प्राप्त है। वह भारत के एकमात्र व्यक्ति हैं जिन्होंने लगातार तीन आईवीएल किए हैं, जो उनके नाम एक हैट्रिक है। यह उनकी उपलब्धि में एक और उपलब्धि है और वोक्हार्ट हॉस्पिटल्स नागपुर के लिए भी गर्व का क्षण है।

मरीज की हालत ठीक है और उसे छुट्टी दे दी गई है।

श्री अभिनंदन दस्तेनवार, सेंटर हेड, वोक्हार्ट हॉस्पिटल्स नागपुर ने कहा, “यह वास्तव में एक चुनौतीपूर्ण मामला था। लेकिन हमारे डॉक्टरों की विशेषज्ञ टीम ने इसे बहुत सटीकता से अंजाम दिया और मरीज को बचाया गया।इसके लिए हमारी विशेषज्ञ डॉक्टर टीम की सराहना की जानी चाहिए। हम अपनी डॉक्टर टीम और सभी स्टाफ के उनके योगदान के लिए आभारी हैं, जिन्होंने हॉस्पिटल को शिखर पर पहुंचाया और हमें गौरवान्वित महसूस कराया। यहां वोक्हार्ट हॉस्पिटल्स में, जीवन हमेशा जीतता है।

Contact us for news or articles - dineshdamahe86@gmail.com

NewsToday24x7

Next Post

उजास और स्टेफ्री महाराष्ट्र में सैनिटरी पैड्स का वितरण करेंगे

Mon Nov 13 , 2023
– उजास महाराष्‍ट्र के स्‍कूलों में सैनिटरी नैपकिन्‍स के वितरण के साथ-साथ मेंस्‍ट्रुअल हाइजीन पर जागरूकता पैदा करने के लिये कार्यशालाएं भी चलाएगा – इस पहल ने महाराष्‍ट्र के 9 जिलों की 1.5 लाख सुविधा से वंचित स्‍कूली लड़कियों को लाभ पहुंचाने की योजना बनाई है  मुंबई :- भारत में सुविधाओं से वंचित लड़कियों के बीच मेंस्‍ट्रुअल हेल्‍थ प्रोडक्‍ट्स की […]

You May Like

Latest News

The Latest News

Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com