सरपंच – विधायक की मिलीभगत से 1000 ट्रक मुरुम का अवैध उत्खनन

– चाम्पा के निकट निर्माण हो रही रहवासी परिसर की आवाजाही की मार्ग का हुआ निर्माण

– साटक ग्राम वासियों के संगीन आरोप,जिलाधिकारी सह गृहमंत्री से निष्पक्ष जांच की मांग

चाम्पा :- पारसिवनी तहसील अंतर्गत चाम्पा (डुमरी) के निकट हैदराबाद निवासी काशी रेड्डी के करीबी सूत्रों के अनुसार वह 300-400 एकड़ जगह पर म्हाडा की रहवासी संकुल का निर्माण कर रहा है,इस सरकारी स्कीम परिसर के आवाजाही का मार्ग का निर्माण साटक गांव से अवैध उत्खनन कर किया गया है,ग्रामवासियों ने उक्त अवैध उत्खनन की जांच सह दोषियों पर कड़क कार्रवाई की मांग जिलाधिकारी सह राज्य के गृहमंत्री से की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार काशी रेड्डी के रहवासी परियोजना का काम चाम्पा में शुरू हुआ था कि परियोजना से जुड़े हुए काम एक विवादास्पद विधायक ने अपने करीबियों को देने का दबाव बनाया तो रेड्डी ने मुरुम की जरूरत सह उसके परिवहन का काम विधायक के करीबी को देने का वादा किया दूसरी ओर विधायक के निर्देश पर साटक के विवादास्पद सरपंच बर्वे को मुरुम उपलब्ध करवाने का जिम्मा दिया,बर्वे ने न ग्रामपंचायत और न ही सदस्यों को विश्वास में लिए अपने लेटरपैड पर गांव के नागरिकों को अपनी की अतिरिक्त जल की व्यवस्था करने के नाम पर तालाब खोदने की अनुमति दे दी। ग्रामवासियों ने जब सवाल किया तो ग्राम के सड़क निर्माण के लिए मुरुम देने का वादा सरपंच ने किया था लेकिन एक घमेला भी मुरुम नहीं दिया। विधायक के वर्धहस्त पर सरपंच के निर्देश पर तालाब के नाम पर 1000 ट्रक मुरुम की खुदाई हुई और रेड्डी की रहवासी परियोजना में सड़क निर्माण के लिए दिया गया। सवाल यह है कि जब रेड्डी की परियोजना सरकारी है तो चोरी की मुरुम से सड़क निर्माण क्यों ? साटक ग्राम के नागरिकों ने जानकारी दी कि तालाब निर्माण के नाम पर इतनी गहरी खुदाई कर दी गई,बरसात का मौसम आ चुका है,गांव के बच्चों सह जानमाल का नुकसान सर पर मंडरा रहा है,इसके जिम्मेदार कौन ? प्रशासन या सरपंच या फिर विधायक ? उक्त मामले की शिकायत साटक के जागरूक नागरिकों ने तहसीलदार से की तो तहसीलदार ने घटनास्थल पर पहुँच जांच की और सरपंच के पत्र को अवैध ठहराते हुए अवैध उत्खनन करने वाले कि मशीन सह पोकलेन की चाबी अपने कब्जे में ली,इसकी भनक तुरंत विधायक को लगते ही उन्होंने तहसीलदार को कॉल कर फटकार लगाई,नतीजा तहसीलदार ने तुरंत चाबी लौटा कर बिना कार्रवाई किये लौट गया। उल्लेखनीय यह है कि खनिज संपदा लूटने में उक्त विधायक को Phd हासिल है,इन्हें राज्य सरकार का अप्रत्यक्ष संरक्षण प्राप्त है,इनके सामने जिलाप्रशासन,मंत्री आदि बौने है। इनके विधानसभा क्षेत्र में प्रत्येक निजी उपक्रम हो या सरकारी उपक्रम उसमें हिस्सेदारी नहीं मिली तो उनके प्रकल्प में अड़ंगे डालते है,फिलहाल सत्तापक्ष के वजनदार मंत्री भी सरकार बचाने के चक्कर में इस विधायक के ग़ैरकृतों को संरक्षण दे रहे है,दूसरी ओर पारदर्शी सरकार/प्रशासन का संचालन का रोज रोज ढिंढोरा पीटने वाले मंत्री की कथनी और करनी में काफी फर्क नज़र आ रहा,सरकार बचाने के लिए साटक ग्राम के नागरिकों के जान माल को जोखिम में डाल कर रेड्डी जैसों को मदद करना,संगीन जुर्म बतला रहे साटक के नागरिकगण। जल्द ही वे गृहमंत्री और जिलाधिकारी से मुलाकात कर न्याय की गुहार लगाएंगे।

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