नागपूर :- हाल ही में नंदनवन नागपुर निवासी रविकांत अशोक धार्मिक (34) पर हुडकेश्वर पुलिस द्वारा बलात्कार का झूठा और बनावटी गुनाह दर्ज करने का मामला प्रकाश में आया. पुलिस अब तक आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए तलाश में जी जान से जुटी हुई थी. लेकिन 6 फरवरी को रविकांत धार्मिक को जिला सत्र न्यायालय से गिरफ्तारी पूर्व जमानत मिल गयी.
शुक्रवार 10 फरवरी को पीड़ित रविकांत धार्मिक ने जिला सत्र न्यायालय परिसर में अपने बचाव में अपने वकील भूपेंद्र सोने की उपस्थिति में पत्र परिषद ली.
रविकांत ने पत्र परिषद में बताया कि थाने में दर्ज शिकायत में पीड़िता का बयान और आरोप हैं कि वह हुडकेश्वर में एक जीम में जीम प्रशिक्षक के रुप में कार्यरत होते हुए पीड़िता के भी जीम में प्रशिक्षण में आते समय रविकांत ने पीड़िता पर शादी का दबाव बनाया.
दोनों ने सिताबर्डी स्थित ब्रम्हदत्त पुजारी सेवा मंडल में दिनांक 21 फरवरी 2022 को विधिवत रुप से सभी आवश्यक दस्तावेजों के और गवाहों के समक्ष विवाह करके सेवा मंडल से विवाह का प्रमाण पत्र भी लिया था.
विवाह के कुछ दिन बाद ही पीड़िता को रविकांत के विवाहित होने की जानकारी मिलते ही दोनों के आपसी संबंधों में दरार आने लगी और मामला आगे बढ़ने पर विवाह के 11 महिने बाद पीड़िता ने कुछ दिन पहले ही 17 जनवरी 2023 को हुडकेश्वर थाने में उनके खिलाफ बलात्कार का झूठा मामला दर्ज किया.
देशभर में महिलाओं पर हो रहे अतिप्रसंग,अत्याचार, बलात्कार,हत्याओं के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं.अधिकतर मामलों में इन जघन्य अपराधों के लिए कानून,न्यायालय और समाज द्वारा पुरूषों को ही जिम्मेदार ठहराया जाता रहा हैं.
परंतु देश में अनेक मामले ऐसे भी हैं जिसमें ऐसे अपराधों के लिए परोक्ष और अपरोक्ष तौर पर लड़कीयां,महिलाएं भी जिम्मेदार होती हैं.परंतु महिलाओं पर होनेवाले हर अत्याचार की पुलिस में दर्ज शिकायत पर पुलिस द्वारा दोनों पक्षों के सही तथ्यों को जाने बिना सबसे पहले पुरूषों को ही बकरा बनाकर,प्रताड़ित करके गिरफ्तार करके सीधे जेल भेज दिया जाता हैं.
ऐसे मामलों में अपराधीयों को न्यायालय से जमानत मिलना पुलिस के आरोपीयों और पीड़िता या उसके परिवार के आर्थिक संबंधों पर निर्भर होता हैं.अन्यथा बेगुनाहों को वर्षों तक जेल की हवा खानी पड़ती हैं.
रविकांत धार्मिक के मामले में भी पुलिस की लापरवाही साफ-साफ दिखाई दे रही हैं.पीड़िता की शिकायत पर आरोपी का पक्ष न जानकर सीधे बलात्कार का आरोप लगाकर गुनाह दर्ज करके आरोपी को गिरफ्तार करके सीधे जेल भेजने के लिए हुडकेश्वर पुलिस आतुर हो गयी हैं.
जबकि मामला कुछ और ही हैं.रविकांत धार्मिक यह हुडकेश्वर में एक जीम प्रशिक्षक के रुप में कार्यरत था.साथ ही वह पिछले 10 सालों से होमगार्ड की ड्यूटी भी करता था.होमगार्ड में कभी कभार ही उसकी ड्यूटी लगा करती थी.जिससे उसे सीमीत वेतन मिलता था.
रविकांत शारीरिक रूप से पूरी हष्ट पुष्ट होते हुए जीम में सबसे आकर्षक व्यक्ति था. इसी जीम में पीड़िता भी प्रशिक्षण लेने के लिए आती रही.
रविकांत के शारीरिक आकर्षण पर पीड़िता स्वयं ही प्रभावित हुई थी. रविकांत के अनुसार पीड़िता स्वयं ही उसको शारीरिक संबंध बनाने के लिए जबरदस्ती उकसाती थी. संबंध नहीं बनाने पर बदनाम करने की धमकी भी देने लगी. ऐसी हालात में पीड़िता रविकांत को बाहर ले जाकर जबरन शारीरिक संबंध बनाने लगी थी.
रविकांत के अनुसार पीड़िता के उसके प्रती आकर्षण और शारीरिक संबंध बनाने के लिए बार बार जोर देने पर रविकांत ने उसे विवाह करने के बाद ही संबंध बनाने के लिए कहा.परंतु पीड़िता विवाह करने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थी. परंतु संबंध बनाने के लिए बहुत ही आतुर थी.अपनी इच्छा की पूर्ति के लिए पीड़िता रविकांत के घर में सुबह से लेकर शाम तक रविकांत के घर में ही पड़ी रहती थी.जब पीड़िता ज्यादा ही हावी होने लगी तो रविकांत भी विवाह करने की जिद पर अड़ा रहा.
विवाह करने के दौरान रविकांत ने अपने पूर्व विवाह और उससे पैदा हुई एक दिव्यांग (मतिमंद) संतान के बारे में जानकारी दी थी. रविकांत का पहला विवाह 10 जनवरी 2011 को रजिस्टर मैरेज पद्धति से हुआ था.पहली संतान मतिमंद पैदा हुई थी. इसको लेकर पहली पत्नी के साथ मन मुटाव के चलते यह संबंध केवल 3 सालों तक ही टिक पाया और एक समय दोनों ने आपसी सहमति से वैवाहिक संबंध विच्छेद करके बच्चे को पिता के हवाले करके पहली पत्नी आपसी सहमति से अलग रहने लगी.
मतिमंद बच्चे की परवरिश और परिवार के लोगों की जिम्मेदारी रविकांत पर आ पड़ी.मतिमंद बच्चा आज 10 साल को होकर वह मतिमंद विद्यालय में पढता हैं, जिसे रविकांत स्वयं ही अपने ई रिक्शा से लाना ले जाना करते हैं.
बाॅडी बिल्डर के रुप में प्रख्यात रविकांत के जीवन में और भी एक भयंकर संकट कोरोना महामारी के दौरान आया. वैक्सीन लगाने के हफ्ते भर बाद से उसकी कमर और जांघों में रियेक्शन होने से अपाहिज होना पड़ा.मेडिकल कॉलेज और अन्य अस्पतालों में इलाज कराने के बाद बड़ी ही मुश्किल से मौत के मुंह से वह वापस लौट आया.
वैक्सीन से हुए रियेक्शन को सारा अस्पताल प्रबन्धन आख़िरी दम तक झुठलाता रहा और उल्टा रविकांत के सिर पर ही जीम के दौरान प्रतिबंधित वस्तुओं का सेवन और खान पान,धूम्रपान का ठीकरा फोड़ा.जबकि रविकांत ने जीवन में कभी इन सभी चीजों को अपनाया तक नहीं.
मेडिकल कॉलेज प्रशासन यदि रविकांत पर वैक्सीन से हुए रियेक्शन को हरी झंडी दे देता तो देश में मोदी सरकार के वैक्सीनेशन अभियान और अदार पूनावाला के वैक्सीन स्कैंडल पर बुरा असर पड़ता.
मौत के मुंह से बाहर आने के बाद भी रविकांत का बायाँ पैर पूरी तरह अपाहिज हैं.वह बलशाली होकर पुलिस,सेना की दौड़ से पूरी तरह बाहर हो गया हैं.
कुछ दानदाताओं ने रविकांत की हालत पर तरस खाकर चंदा इकट्ठा करके एक ई रिक्शा खरीदकर दिया हैं.आज यही ई रिक्शा रविकांत के परिवार का मददगार बना हुआ हैं.
पहली पत्नी से तलाक नहीं होने के कारण रविकांत को विवाह में बाधा आने पर पहली पत्नी के हाथों सेतू केंद्र में जाकर दिनांक 4 जनवरी 2016 को ही एक आपसी सोडचिट्ठी लेख बनवा लिया था. वह प्रमाण पत्र रविकांत के दूसरे विवाह के दौरान काम आया.दूसरे विवाह के दौरान पीड़िता को पहली पत्नी के मतिमंद बच्चे की भी पूरी जानकारी होकर वह स्वयं ही बच्चे को उसकी स्कूल लाना ले जाना करती थी.
इतने दिनों तक साथ-साथ रहने के बाद पीड़िता द्वारा पुलिस थाने में रविकांत धार्मिक के खिलाफ बलात्कार की झूठी शिकायत करके बलात्कार का गुनाह दाखिल करना और हुडकेश्वर पुलिस द्वारा पीड़िता की शिकायत के बाद मामले की तह तक जाने के पहले ही रविकांत पर बलात्कार का मुकदमा दर्ज करने की जल्दबाजी एक बेगुनाह नागरिक की बदनामी और जीवन बर्बाद करने का कारण बन रही हैं.
सूत्रों के अनुसार पीड़िता के पिता एक सेवानिवृत अधिकारी और संपन्न परिवार से हैं. पीड़िता का परिवार अपनी बेटी का रविकांत के साथ रिश्ता बनाने के बिल्कुल खिलाफ होने से रविकांत को सबक सिखाने और अपनी आंखों के सामने पुलिस के हाथों तुड़वाने के लिए पुलिस की जेब गर्म करने की खबर हैं.
रविकांत के अनुसार पीड़िता रविकांत के साथ उसके घर में रहने को तैयार हैं परंतु पिता ऐसा करने पर बेटी को आत्महत्या करके दोनों को फंसाने की धमकी दे रहा हैं.
रविकांत के खिलाफ पुलिस में बलात्कार की शिकायत करने के लिए पीड़िता के पिता ने ही पीड़िता को मजबूर करने की खबर हैं.
रविकांत धार्मिक के पास खुद को बेगुनाह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं.लेकिन पुलिस की निष्पक्ष कार्यवाही के अभाव में रविकांत खुद को बचाने के लिए परेशान हैं.
रविकांत धार्मिक अपनी सफाई में बताया कि उसकी पत्नी ने पुलिस में शिकायत दर्ज करने के 2 महीने पहले ही दिनांक 23.11.2022 को ही भरोसा सेल में लिखित रूप में शिकायत दर्ज की थी.जिसमें पीड़िता ने शिकायत में कहीं पर भी रविकांत ने उसपर जबरन बलात्कार करने का उल्लेख नहीं हैं.भरोसा सेल ने दिनांक 5 जनवरी 2023 की सुनवाई में दोनों को न्यायालय में जाने का आदेश पारित किया था.
रविकांत धार्मिक ने प्रेस मीडिया,सामाजिक संगठनों और सरकार से बलात्कार के इस झूठे मामले और पुलिस की प्रताड़ना से बचाने के लिए गुहार लगाई हैं.
प्रतिनिधि,
राजेश पौनीकर,नागपुर