इन्सानियत और वर्दी का फर्ज निभाया, एक अनाथ बच्ची का चिकित्सा और शिक्षा का खर्च वहन करने का लिया जिम्मा
मुंबई :- आज के इस युग में रिश्तों का मूल्य खत्म होते जा रहे हैं. लेकिन कांदिवली पुर्व में एक ऐसी घटना सामने आई है जहां कोई रिश्ता न रहते हुए भी समता नगर के वरिष्ठ अधिक्षक नरेंद्र शिंदे ने इन्सानियत की छांव से एक नवजात बच्ची की जान बचाई है. इसलिए मुंबई के कांदिवली समता नगर पुलिस स्टेशन के अधीक्षक नरेन्द्र शिंदे अपनी नेकदिली की वजह चर्चा में है. मिली जानकारी के अनुसार 27 अक्टूबर को बालडोंगरी इलाके के इमारत में पहली मंजिल पर एक नवजात बच्ची होने की सुचना समता नगर पुलिस स्टेशन में आती है, सुचना मिलते ही प्रसाशन हरक़त मे आ जाता है और मौके पर पहुंच कर मिली सुचना की पुष्टि करती है, उन्हें पहली मंजिल पर एक नवजात बच्ची मिलती है जिसकी हालात बहुत ख़राब थी, अगर प्रशासन थोड़ी देर से पहुंचती तो उस नवजात बच्ची को कुत्ते या चूहे घायल कर सकते थे, बच्ची को रिकवर करने के बाद उसको शताब्दी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां उस बच्ची का इलाज हुआ। उसके बाद समता नगर पुलिस स्टेशन के अधीक्षक नरेन्द्र शिंदे ने उस बच्ची को अंधेरी में अनाथालय को सुपुर्द किया, फिर अनाथालय से उस बच्ची की गोद लेने की प्रक्रिया की शुरू की गई है, साथ ही उस बच्ची की चिकित्सा और शिक्षा की पुरी जिम्मेदारी नरेंद्र शिंदे ने करने का फैसला लिया है। आपको बता दें कि तहकीकात में पता चला कि ये बच्ची नाजायज रिश्ते की वजह से पैदा हुई है, 18 साल की लड़की के साथ उसके नजदीकी रिस्तेदार ने संबंध बनाया था ।