सावनेर– स्थानीय अरविंद इंडो पब्लिक स्कूल में पूरे हर्षोल्लास से स्कूल की सदन में मनाया गया कार्यक्रम का सफल संचालन श्रीमती वंदना बारापात्रे ने किया। क्रिसमस जीसस क्रिस्ट के जन्म की खुशी में बनाया जाता है। जीसस क्रिस्ट को भगवान का बेटा कहा जाता है। क्रिसमस का नाम भी क्रिस्ट से पड़ा। बाइबल में जीसस की कोई बर्थ डेट नहीं दी गई है, 336 ई. पूर्व में रोमन के पहले ईसाई रोमन सम्राट के समय में सबसे पहले क्रिसमस 25 दिसंबर को मनाया गया। इसके कुछ सालों बाद पोप जुलियस ने अधिकारिक तौर पर जीसस के जन्म को 25 दिसंबर को ही मनाने का ऐलान किया। कुछ देशों में ईसाई परिवारों के बच्चे रात के समय अपने अपने घरों के बाहर अपनी जुराबे सुखाते भी देखे जा सकते हैं। इसके पीछे मान्यता यह है कि सांता क्लॉज रात के समय आकर उनकी जुराबो में उनके मनपसंद उपहार भर जाएंगे। सेंटा क्लॉस क्रिसमस ट्री, केक और जिंगल बेल का गीत इस त्यौहार की अनूठी पहचान है। अरविंद इंडो पब्लिक स्कूल ने नृत्य- नाटिका के माध्यम से क्रिसमस का त्योहार मनाया। सेंटा क्लॉस ने बच्चों को चॉकलेट बांटी। सभी बच्चों को केक बांटा गया। स्कूल के प्राचार्य राजेंद्र मिश्र ने सदन को संबोधित करते हुए उपस्थित जनसमुदाय को क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनाएं दी। संस्था के संचालक पूर्व कृषि मंत्री श्री रंजीत बाबू देशमुख ने सभी का अभिनंदन किया।
क्रिसमस डे मनाया गया
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