– पुस्तक के माध्यम विषय को उजागर किया है !
– डॉ. भागवत कराड, केंद्रीय अर्थराज्यमंत्री
छत्रपति संभाजीनगर :- डॉ. अमित थढानी द्वारा लिखित ‘दाभोलकर-पानसरे हत्या : तपासातील रहस्ये ?’ इस मराठी पुस्तक 10 के पृष्ठो की चार्टशीट का अभ्यास कर लिखी है । इस पूरे प्रकरण में जो योग्य है उसका न्याय तो न्यायालय में होगा ही । इस पुस्तक के माध्यम से भी संपूर्ण विषय को उजागर किया गया है, ऐसा वक्तव्य भारत के केंद्रीय अर्थराज्यमंत्री डॉ. भागवत कराड ने किया है । वे छत्रपति संभाजीनगर में ‘यशवंतराव चव्हाण नाट्यगृह’ में हुए डॉ. अमित थढानी की पुस्तक प्रकाशन के कार्यक्रम में बोल रहे थे ।
इससे पूर्व डॉ. थढानी द्वारा लिखी गई ‘रेशनालिस्ट मर्डर्स’ नामक अंग्रेजी भाषा की पुस्तक को भी अच्छा प्रतिसाद मिला है । तदुपरांत उन्होंने डॉ. नरेंद्र दाभोलकर एवं कॉ. गोविंद पानसरे की हत्या के अन्वेषण पर मराठी भाषा में यह स्वतंत्र पुस्तक लिखी है ।
इस अवसर पर केंद्रीय अर्थराज्यमंत्री डॉ. कराड, पुस्तक का लेखक एवं मुंबई के प्रसिद्ध सर्जन डॉ. अमित थढानी, ‘हिन्दू विधिज्ञ परिषद’के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर एवं ‘संकल्प हिन्दूराष्ट्र अभियान’के कार्यवाह कमलेश कटारिया के शुभहस्तों इस पुस्तक का प्रकाशन किया गया । इस कार्यक्रम के लिए निवृत्त जिला न्यायाधीश शशिकांत कुलकर्णी एवं हिन्दू विधिज्ञ परिषद के संस्थापक सदस्य अधिवक्ता सुरेश कुलकर्णी की उपस्थिति थी ।
इस प्रसंग में पुस्तक के लेखक डॉ. थढानी बोले, ‘‘दाभोलकर की हत्या में उपयोग में लाई गई पिस्तौल, ‘सीबीआइ’कर कस्टडी में आ गई थी । ऐसा होते हुए भी उनकी कस्टडी से वह बाहर आकर कॉ. पानसरे की हत्या में उसका उपयोग कैसे होता है ओर पुन: वह कस्टडी में चली जाती है ? यह सब षड्यंत्र है । वास्तविक आरोपियों की किसी ने तलाश ही नहीं की । केवल एक हिन्दुत्वादी संगठन को लपेटने का काम किया है ।
इस अवसर पर अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर बोले, ‘‘पानसरे-दाभोलकर हत्या प्रकरण का आरोपी सचिन अंदुरे दुकान में अकाऊंटंट के रूप में काम करता था । 16 फरवरी 2015 को पानसरे की सवेरे हत्या हुई । उस समय सचिन अंदुरे सवेरे कोल्हापुर में था; परंतु वह जिस दुकान में काम करता था, वहां के रजिस्टर में प्रविष्टि है कि वह आधा दिन दुकान में नहीं था । इसका अर्थ है सचिन अंदुरे संभाजीनगर से कोल्हापुर गया । वहां उसने पानसरे की हत्या की और पुन: वह दोपहर तक संभाजीनगर लौट आया । यह कैसे संभव है ? प्रत्यक्ष में जाने-आने में कितना समय लगेगा ? इन सभी के उत्तर पुलिस को नहीं देने हैं । यह पुस्तक एक सर्जन द्वारा की हुई ‘सर्जिकल स्ट्राईक’ समान ही है ।
इस अवसर पर ‘संकल्प हिन्दूराष्ट्र अभियान’के कार्यवाह कमलेश कटारिया बोले, ‘आज देश के विविध न्यायालयों में पांच करोड अभियोग प्रलंबित हैं । अनेक अभियोगों में हिन्दुत्ववादी न्याय की प्रतीक्षा कर रहे हैं; परंतु दुर्भाग्यवश आज सेक्युलैरिजम के नाम पर हिन्दुत्ववादियों का उत्पीडन किया जा रहा है ।