नई दिल्ली :-भारत को कम नकद उपयोग करने वाले देश को बनाने की दिशा में रिज़र्व बैंक द्वारा हाल ही में डिजिटल-ई-रुपया जारी करने से सरकार का यह इरादा स्पष्ट है की देश में नकद के चलन को बेहद कम किया जाए और इसी के मद्देनजर, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट ) ने मास्टरकार्ड को अपने टेक्नोलॉजी पार्टनर के रूप में रखते हुए डिजिटल पेमेंट के मुद्दे पर एक राष्ट्रव्यापी अभियान ” डिजिटल भुगतान से व्यापार आसान ” कल नई दिल्ली में आयोजित एक राष्ट्रीय सेमिनार से शुरू किया गया जिसका उद्द्घाटन केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने किया तथा मध्य प्रदेश -छत्तीसगढ़ के सीजीएसटी, एक्साइज एवं कस्टम के चीफ कमिश्नर नवनीत गोयल, मास्टरकार्ड के पब्लिक पालिसी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रवि अरोरा सहित अन्य अनेक विशेषज्ञ भी शामिल हुए !
कैट ने राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की व्यापारिक समुदाय को अपने वर्तमान व्यापार प्रारूप में डिजिटल-ई-रुपये के प्रभाव को समझना जरूरी है और यह भी जानना आवश्यक है की अब व्यवसाय में डिजिटल भुगतान को अपनाना और स्वीकार करना क्यों आवश्यक हो गया है, खासकर तब जब उपभोक्ता अपनी खरीदारी के लिए डिजिटल भुगतान को तेजी से अपना रहे हैं।इसी को बात को ध्यान में रखते हुए कैट ने यह अभियान शुरू किया है जो देश के सभी राज्यों में खासकर टियर 3 और टियर 4 शहरों में आक्रामकता के साथ कांफ्रेंस, सेमिनार, वर्कशॉप आदि के जरिये चलाया जायेगा !
इस राष्ट्रीय अभियान की श्रृंखला का श्री गणेश करते हुए केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय के सचिव रोहित सिंह ने कहा की व्यापारी एवं उपभोक्ता एक दूसरे के पर्याय हैं और जिस तेज़ी से देश भर के ग्राहकों विशेष रूप से युवा वर्ग में ख़रीदी व्यवहार में डिजिटल तरीक़े से सामान ख़रीदने के परिवर्तन को देखते हुए व्यापारियों को अपने व्यापार में डिजिटल तकनीक को अपनाना ज़रूरी है । डिजिटल पेमेंट को अपनाये जाने से सिस्टम में पारदर्शिता आएगी और फिर नीतियाँ और बेहतर बन सकेंगी। उन्होंने यह भी कहा की टेक्नोलॉजी के विस्तार को कोई भी नहीं रोक सकता है और किसी भी हालत में देश के व्यापार को इससे अछूता नहीं रखा जा सकता है । डिजिटल पेमेंट के बहुत फ़ायदे हैं जिनसे व्यापारी अपने व्यापार में चाहे जितना विस्तार कर सकते हैं ।
मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के सीजीएसटी, एक्साइज एवं कस्टम के चीफ कमिश्नर नवनीत गोयल ने कहा की व्यापारियों द्वारा डिजिटल पेमेंट अपनाने से उनके व्यापार की एकाउंटिंग स्वतः ही हो जाएगी क्योंकि डिजिटल पेमेंट के ज़रिए सभी लेन देन रिकॉर्ड होगा और व्यापार को सही अर्थों में बढ़ाया जा सकेगा । उन्होंने कहा की डिजिटल पेमेंट के अपनाये जाने से स्वाभाविक रूप से जीएसटी राजस्व में वृद्धि होगी और ऐसा होने पर आय कर की दरों में कटौती की संभावनाएँ मजबूत होंगी !