जिला परिषद में आंगनवाड़ी श्रेणीवर्धन घोटाला

– बिना निविदा दिए ठेके, लाखों का किया भ्रष्टाचार

– भाजपा के शिष्टमंडल ने की उपमुख्यमंत्री से शिकायत

– शिष्टमंडल में सुधाकर कोहले पूर्व विधायक , उदयसिंह यादव, मनोहर कुंभारे, आतिश उमरे शामिल

नागपुर :- जिला परिषद नागपुर के महिला व बालकल्याण विभाग अंतर्गत केंद्र शासन की आंगनवाड़ी श्रेणीवर्धन योजना में घोटाला सामने आया है। भाजपा ने विभागीय आयुक्त कार्यालय के मार्फत विशेष समिति और भ्रष्टाचार विरोधी ब्यूरो (एसीबी) से घोटाले की संयुक्त जांच की मांग की है। इस संबंध में नागपुर जिला (ग्रामीण) अध्यक्ष सुधाकर कोहले के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की। उन्हें घोटाले की जांच के लिए निवेदन-पत्र सौंपा। शिष्टमंडल में प्रमुख रूप से पूर्व जिला परिषद उपाध्यक्ष मनोहर कुंभारे, पंचायत समिति, रामटेक के पूर्व उपसभापति उदयसिंह उर्फ गज्जू यादव, जिला परिषद में विरोधी पक्ष नेता आतिश उमरे सहित जिला परिषद के 20 सदस्य शामिल रहे। शिष्टमंडल में कांग्रेस और शिवसेना के जिला परिषद सदस्य भी शामिल थे। बता दें कि यादव और उमरे ने मामले की शिकायत की है । यादव रामटेक से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं।

बताया गया है कि श्रेणीवर्धन योजना के अंतर्गत जिला परिषद नागपुर को फरवरी-2024 में एक करोड़ छह लाख रुपये की निधि आंगनवाड़ियों को सामग्री आपूर्ति करने के लिए प्राप्त हुई थी। महिला व बालकल्याण विभाग जिला परिषद नागपुर ने दो-दो लाख रुपये की निधि प्रकल्प अधिकारी, महिला व बालविकास के खाते में ट्रांसफर किए। उसके बाद यह निधि वापस ले ली गई। सभी काम बिना किसी औपचारिक निविदा प्रक्रिया के एक ही ठेकेदार को सौंप दिए गए। आंगनवाड़ी को सामग्री की आपूर्ति किए बिना पूरी निधि निकाल ली गई। शिष्टमंडल ने विभिन्न मुद्दों पर घोटाले की जांच की मांग की है। इसके लिए तहसीलवार आपूर्तिकर्ता संस्थाओं के नाम भी बताए हैं।

शिष्टमंडल ने दावा किया कि लेन-देन में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। संबंधित विभाग के उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रकल्प अधिकारी, महिला बालविकास अधिकारी मामले में पूरी तरह से शामिल हैं। जिला परिषद के सभी अधिकारियों और पदाधिकारियों ने रिश्वत लेकर इतना बड़ा भ्रष्टाचार किया है। शिष्टमंडल ने निवेदन किया कि इस घोटाले की विशेष समिति एवं एसीबी से संयुक्त जांच कराई जाए।

अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि जनता ने भरोसा कर कांग्रेस को जिला परिषद की सत्ता सौंपी थी। अब उसी कांग्रेस के पदाधिकारी घोटाले पर घोटाले कर रहे हैं। क्या जनता ने इन्हें भ्रष्टाचार का लाइसेंस दिया था?

यह भी चर्चा है कि जांच करने पर अन्य घोटाले भी सामने आएंगे। कांग्रेस से भाजपा में गए पदाधिकारियों का तीर सही निशाने पर लगा है। इन पदाधिकारियों ने ऐसा पत्ता फेंका है कि, कमीशन के झगडे मे जिला परिषद के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष, सभापति ने खुद ही मामला उजागर कर दिया।

तहसीलवार संस्थाएं, जिन्हें निधि दी

*तहसील* *आपूर्तिकर्ता* *रकम (लाख रुपये में)*

सावनेर श्री बुक डिपो एंड जनरल स्टोअर्स, यवतमाल 8 लाख

भिवापुर शांभवी एजुकेशन एड्स, नागपुर 6 लाख

काटोल श्री बुक डेपो एंड जनरल स्टोअर्स, यवतमाल 8 लाख

पारशिवनी श्री बुक डेपो एंड जनरल स्टोअर्स, यवतमाल 8 लाख

काटोल श्री बुक डेपो एंड जनरल स्टोअर्स, यवतमाल 10 लाख

पारशिवनी श्री बुक डेपो एंड जनरल स्टोअर्स, यवतमाल 12 लाख

नागपुर श्री बुक डेपो एंड जनरल स्टोअर्स, यवतमाल 6 लाख

मौदा शांभवी एजुकेशन एड्स, नागपुर 8 लाख

उमरेड शांभवी एजुकेशन एड्स, नागपुर 8 लाख

कलमेश्वर श्री बुक डेपो एंड जनरल स्टोअर्स, यवतमाल 8 लाख

कामठी संजीवनी उद्योग, नागपुर 8 लाख

रामटेक शांभवी एजुकेशन एड्स, नागपुर 6 लाख

कुही शांभवी एजुकेशन एड्स, नागपुर 6 लाख

हिंगणा संजीवनी उद्योग, नागपुर 6 लाख

नरखेड़ श्री बुक डेपो एंड जनरल स्टोअर्स, यवतमाल 6 लाख

*इन मुद्दों पर घोटाले की जांच की मांग* 

1) एक करोड़ छह लाख रुपये की सामग्री खरीदने के लिए प्रशासनिक एवं तकनीकी मंजूरी प्राप्त नहीं की गई।

2) सामग्री की खरीद एक करोड़ से अधिक होने के कारण आवश्यकता पड़ने पर सदन की मंजूरी नहीं ली गई।

3) पंचायत समिति स्तर पर सामग्री खरीदते समय पंचायत समिति का अनुमोदन नहीं लिया गया।

4) प्रकल्प अधिकारियों ने सीईओ को जानकारी दिए बिना राशि खर्च कर दी।

5) निर्माण के लिए जिला परिषद निर्माण विभाग की मंजूरी नहीं ली गई।

6) आपूर्ति की गई सामग्री का किसी भी प्रकार से मूल्यांकन नहीं किया गया।

7) आंगनवाड़ी में उपलब्धता की जांच किए बिना सामग्री दी गई।

8) जिला एवं पंचायत स्तर पर आवक-जावक रजिस्टर में कोई प्रविष्टि नहीं है। महिला एवं बाल कल्याण विभाग की सामग्री फाइल घूम रही है।

9) ठेकेदारों की ओर से प्रस्तुत बिलों पर तारीख नहीं है।

10) आंगनवाड़ी में उपलब्ध सामग्री की खरीद दिखाई गई।

उपमुख्यमंत्री ने दिए गुनाह दर्ज कराने के निर्देश

भाजपा के शिष्टमंडल ने जो शिकायत की, उसका असर तेजी से हुआ। सूत्रों का कहना है कि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मामले पर तत्काल संज्ञान लेते हुए विभागीय आयुक्त एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी,जिला परिषद नागपुर सौम्या शर्मा को मामले में गुनाह दर्ज कराने के निर्देश दिए। जानकारों का कहना है कि महिला एवं बाल विकास विभाग के 13 प्रकल्प अधिकारियों पर केस दर्ज होने की आशंका है। जांच के दायरे में जिला परिषद अध्यक्ष मुक्ता कोकोडे और उनके पति विष्णु कोकोडे भी आ सकते हैं। कहा जा रहा है कि दोनों ने ही दबाव बनाकर रकम निकलवाई थी। जिला परिषद की ओर से की गयी जांच मे प्रकल्प अधिकारियों ने अपने बयान में यह बात कही जाने जी जानकारी मिली है । ऐसे हुआ तो मुक्ता और विष्णु दोनों भी आरोपी बनाए जा सकते हैं ?

सबसे महत्वपूर्ण यह बात है कि, जिनके विभाग मे इतना बड़ा भ्रष्टाचार हुआ ऐसे, और हर विषय में कैमरा सामने रखकर लाइव वीडियो डालने वाली महिला बालविकास विभाग की सभापति अवंतिका लेकुरवाले इस मामले मे मौन धारण किये हुये है।

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