सरकार और जनता दोनों द्वारा इनके खिलाफ अब कड़ी कार्रवाई करने का समय
मध्य प्रदेश राज्य में भिंड पुलिस द्वारा 20 किलोग्राम से अधिक गाँजा बेचने और पुलवामा आतंकी हमले के लिए बम बनाने में इस्तेमाल किए गए प्रतिबंधित रसायनों की बिक्री के बाद भी, अमेज़ॅन पर अवैध बिक्री जारी है इसी कड़ी में मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा प्राप्त सूचना के आधार पर विशाखापत्तनम पुलिस ने भी अमेज़न ई पोर्टल पर अवैध तरीके से बेचे जा रहे 48 किलोग्राम मारिजुआना (गांजा) को बरामद किया है और दिनांक 20.11.2021 को एनडीपीएस अधिनियम 1985 के तहत एक एफआईआर दर्ज की गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार विशाखापत्तनम पुलिस ने अमेजन के दो डिलीवरी लड़कों को इस मामले में गिरफ्तार भी किया है.
इसी तरह एक अन्य खोजबीन में मध्य प्रदेश पुलिस ने अमेज़ॅन और उसके सहयोगियों से 17 किलोग्राम मारिजुआना भी बरामद किया है, जिसके लिए मध्य प्रदेश के मेहगांव पुलिस स्टेशन में एनडीपीएस अधिनियम-1985 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है और एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। कैट ने विशाखापत्तनम पुलिस से एनडीपीएस अधिनियम की धारा 38 के तहत मामला दर्ज करने की मांग की है जैसा कि भिंड पुलिस ने किया था।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने अमेज़ॅन को “गांजा कंपनी” बताते हुए सरकार से मांग की कि अमेज़ॅन द्वारा लगातार की जा रही अवैध बिक्री के पैमाने को ध्यान में रखते हुए, सरकार को तुरंत भारत में अमेज़ॅन के संचालन को निलंबित कर देना चाहिए और अमेज़ॅन के अधिकारियों को गिरफ्तार करना चाहिए और उन के खिलाफ देशद्रोह का मामला भी दर्ज करना चाहिए।
श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री श्री अमित शाह से मामले में तत्काल सीधे हस्तक्षेप करने का आग्रह किया और वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल से भी तत्काल ई-कॉमर्स नियम, ई-कॉमर्स नीति और एफडीआई नीति के प्रेस नोट नंबर 2 की जगह नया प्रेस नोट जारी करने का आग्रह किया है ताकि भारत में ई-कॉमर्स कंपनियों के आचरण को विनियमित किया जा सके।
श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने केंद्र सरकार से अमेज़ॅन सहित बड़े ई-कॉमर्स कम्पनियों के व्यापार मॉडल की गहन जांच करने का आग्रह किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ई-कॉमर्स पोर्टल पर प्रतिबंधित वस्तुओं या राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की कोई बिक्री अथवा संचालन नहीं हो और प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से निषिद्ध वस्तुओं की बिक्री में शामिल अमजोन सहित सभी मार्केट्प्लेस की जवाबदेही तय की जानी चाहिए ।
श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने कहा कि अमेज़ॅन ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर की जा रही ये अवैध गतिविधियां किसी विशिष्ट नियम या कानून के अभाव में भारत में ई-कॉमर्स व्यवसाय के खोखलेपन को दर्शाती हैं, जो भारत में प्रशासनिक व्यवस्था की निराशाजनक स्थिति है। उन्होंने कहा कि न केवल केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की भूमिका सवालों के घेरे में है बल्कि इस सनसनीखेज मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों द्वारा रखी गई चुप्पी भी सवालों के घेरे में है। यह अत्यंत खेद की बात है