– मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण द्वारा चार लाख करोड़ रुपये के समझौते
मुंबई :- आज का दिन महाराष्ट्र के लिए ऐतिहासिक रहा है। मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (MMRDA) द्वारा देश के सबसे बड़े सामंजस्य करार (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। एक ही समय में कुल 4 लाख 7 हजार करोड़ रुपये के समझौते किए गए हैं, ऐसी जानकारी उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दी।
इंडिया ग्लोबल फोरम 2025 के तहत जियो वर्ल्ड सेंटर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान विभिन्न समझौता करारों पर हस्ताक्षर किए गए, जिसके पश्चात उपमुख्यमंत्री शिंदे संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, HUDCO के अध्यक्ष संजय कुलक्षेत्र, REC और PFC के अध्यक्ष परमिंदर चोपड़ा, IRFC की निदेशक शेली वर्मा, NaBFID के प्रबंध निदेशक राजकीरण राय, मैग्नम आइसक्रीम कंपनी के CEO अभिजीत भट्टाचार्य, और उद्योग विभाग के सचिव पी. अनबलगन समेत कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
उपमुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि MMRDA ने विद्युत मंत्रालय की महारत्न कंपनी REC लिमिटेड, पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन, हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (HUDCO), इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉर्पोरेशन (IRFC), और नेशनल बैंक फॉर फाइनेंसिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट (NaBFID) जैसी कंपनियों के साथ सामंजस्य करार किए हैं। ये करार मिनीरत्न, महारत्न और नवरत्न कंपनियों के साथ होने के कारण अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इससे मुंबई महानगर क्षेत्र (MMR) में बुनियादी ढांचे के विकास को गति मिलेगी।
शिंदे ने आगे कहा कि पिछले तीन वर्षों में दावोस के वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम में कुल 20 लाख करोड़ रुपये के समझौता करार किए गए हैं, जो एक बड़ी उपलब्धि है। इस वर्ष, MMRDA ने दावोस में साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये के समझौते करके उन्हें क्रियान्वित भी किया है। ये सभी प्रयास मुंबई और उसके आस-पास के क्षेत्रों के विकास को नया आयाम देंगे।
उपमुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि आज भारत ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC) हब के रूप में उभर रहा है। बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे और गुरुग्राम में 1,500 से अधिक GCCs कार्यरत हैं। गूगल, अमेज़न, गोल्डमैन सैक्स, जेपी मॉर्गन जैसी वैश्विक कंपनियों के GCC भारत में संचालित हैं। पुणे में आज ही एक नया GCC शुरू किया गया है, जिससे भारत के युवाओं को दुनिया की शीर्ष कंपनियों के साथ काम करने का अवसर मिलेगा।
GCC के माध्यम से भारत की वैश्विक क्षमताओं में वृद्धि हो रही है। लाखों भारतीय इंजीनियरों, IT विशेषज्ञों और कुशल युवाओं को इन केंद्रों में अवसर मिल रहे हैं। AI, रोबोटिक्स और डेटा एनालिटिक्स जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में भारत को वैश्विक नेतृत्वकर्ता बनने का अवसर मिला है।
शिंदे ने यह भी बताया कि MMR क्षेत्र को 2030 तक 300 बिलियन डॉलर की GDP तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए करीब 135 बिलियन डॉलर के निवेश की आवश्यकता है, जिससे लगभग 28 से 30 लाख रोजगार उत्पन्न होंगे। राज्य सरकार ने पिछले तीन वर्षों में निवेश के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया है। विश्वस्तरीय आधारभूत ढांचा, कुशल मानव संसाधन और मजबूत प्रशासन के कारण महाराष्ट्र स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के लिए पसंदीदा गंतव्य बन चुका है।
उन्होंने यह भी कहा कि इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, लॉजिस्टिक्स, सेमीकंडक्टर निर्माण, AI, हेल्थटेक, एडटेक जैसे क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा दिया जा रहा है।
भारत की 5 ट्रिलियन डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था के लक्ष्य की दिशा में ये सभी प्रयास महत्वपूर्ण हैं। GCC और अन्य व्यावसायिक व तकनीकी क्षेत्र की प्रगति भारत की अर्थव्यवस्था को सशक्त बना रही है।
उपमुख्यमंत्री शिंदे ने अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को उनके कुशल मार्गदर्शन और समर्थन के लिए विशेष धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि उनके नेतृत्व में भारत एक शक्तिशाली और गतिशील अर्थव्यवस्था बन रहा है। महाराष्ट्र भविष्य की सभी निवेश संभावनाओं के लिए खुला और आकर्षक राज्य है और हम सब मिलकर इसे सफल बनाएंगे।