महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए 20 नवंबर को मतदान होने जा रहा है। इस अवसर पर हजारों मतदाता अपने गाव, जिलों या मूल स्थान पर मतदान करने जा रहे हैं। लेकिन, निजी ट्रैवल कंपनियों द्वारा इस अवसर का अनुचित लाभ उठाया जा रहा है। भारी-भरकम किराया वसूलकर मतदाताओं को लूटने की घटनाएं सामने आई हैं। इससे ऐसा लग रहा है कि इन निजी ट्रैवल कंपनियों का उद्देश्य मतदाताओं को उनके क्षेत्र में जाकर मतदान करने से रोकना है। कई नागरिकों ने इस संबंध में शिकायतें दर्ज की हैं। हिंदू जनजागृति समिति के सुराज्य अभियान के महाराष्ट्र राज्य समन्वयक श्री अभिषेक मुरुकटे ने मांग की है कि चुनाव आयोग इन ट्रैवल कंपनियों पर तुरंत कड़ी कार्रवाई करे और मतदाताओं को राहत प्रदान करे।
इस संदर्भ में सुराज्य अभियान द्वारा सभी आवश्यक सबूतों के साथ एक ज्ञापन चुनाव आयोग को प्रस्तुत किया गया है। दीवाली के बाद 500-700 रुपये में मिलने वाले मुंबई-कोल्हापुर मार्ग के टिकट की कीमतें 19 और 20 नवंबर के लिए दोगुनी होकर 1000-1600 रुपये तक बढ गई हैं। खासकर ऑनलाइन टिकट बुकिंग प्लेटफॉर्म पर भी ऐसी ही अनैतिक लूट जारी है। यह केवल मुंबई-कोल्हापुर, रत्नागिरी, संभाजीनगर जैसे रूट्स पर ही नहीं, बल्कि अन्य अनेक महत्वपूर्ण मार्गों पर भी लागू है। इस किराया वृद्धि के कारण मतदाताओं को अपने मूल स्थान पर जाकर मतदान करने में भारी आर्थिक बोझ उठाना पड़ रहा है।
मतदान हर नागरिक का मूलभूत अधिकार है। निजी बस ऑपरेटर और ट्रैवल एजेंट किराया बढाकर मतदाताओं को उनके अधिकार से वंचित रखने का प्रयास कर रहे हैं। इस पर तुरंत सख्त कदम उठाने की जरूरत है। इन अनैतिक दरों को तुरंत नियंत्रित किया जाए और प्रत्येक मतदाता को मतदान के लिए उनके स्थान तक पहुंचने की सुविधा सुनिश्चित की जाए।