नागपुर :- सीटू संलग्न लाल बावटा बस वाहतूक कामगार यूनियन द्वारा आपली बस कर्मीयों के वेतन मे महाराष्ट्र शासनने किये बढोतरी का स्वागत किया है । इस क्षेत्र में गत 14 सालों से कर्मीयों की माँगो की अनदेखी की जा रही थी । इस बार इस क्षेत्र में कार्यरत तीनो यूनियनों ने संयुक्त रूप से संघर्ष का ऐलान किया गया था । जिसके चलते बस ऑपरेटर्सों ने औदयोगिक न्यायालय का रूख किया था. न्यायालय ने आंदोलन को स्थगित करते हुये आपसी बातचित की सलाह देकर 10 अक्तूबर तक चर्चा का अंतिम प्रारूप पेश किये जाने की सूचना की थी । इस सलाहपर सीटू ने दुर्गापूजा, दशहरा तथा दिक्षाभूमी पर होनेवाले कार्यक्रमों के दरम्यान नागरिकों की सुविधा के देखते हुये हडताल पर न जाने का निर्णय लेते हुये व्यवस्थापन से बातचित पर जोर दिया था । नागपूर के अप्पर कामगार आयुक्त किशोर दहिफोडकर के सामने बार-बार सुनवाई की गयी ।
10 अक्तूबर को औदयोगिक न्यायालय ने सुनवाई के दरम्यान कर्मीयों को कमसे कम रू. 3000 की बढोतरी का आदेश दिया था । उसी के मुताबिक राज्य सरकार के अध्यादेश के जरिए करिबन रू. 6000 की बढोतरी का निर्णय लिया गया ऐसा सीटू का मानना है ।
नागपूर की बात की जाये तो अभी भी इस सवाल का जवाब नही मिलता कि, इस बढोतरी की अदायगी महानगरपालिका करेगी या ऑपरेटर? सीटू ने मॉग की है कि, यह बढोतरी कबसे लागू होगी इसका फैसला कर दिवाली के पहले एरिएर्स तथा बढोतरी सहित चालू महिने का वेतन अदा किया जाये । सीटू औदयोगिक न्यायालय तथा अप्पर कामगार आयुक्त के प्रति आभार व्यक्त करते हुये सभी आंदोलनकारी कर्मीयों का अभिनंदन करती है. तथा आनेवाले दिनों मे न्यूनतम वेतन तथा अन्य सरकारी सुविधाएँ प्राप्त करने हेतु संघर्ष के लिये तयार रहने का आवाहन करती है ।