नागपुर :- भगवान शिव वात्सल्य, दया, करुणा की साक्षात मूर्ति हैं। जो भक्त इनकी कथा का श्रवण करता है वह जीवन मरण के बंधन से छूट जाता है। उक्त आशय के उद्गार विद्या नगरी, रेशिमबाग के महात्मा फुले सांस्कृतिक सभागृह में आयोजित शिव महापुराण में चित्रकूट के कथाकार योगेश कृष्ण महाराज ने भक्तों से कहे। शिव पुराण का आयोजन 25 सितंबर तक दोपहर 2 से 5 बजे तक किया गया है। कथा के मुख्य यजमान रमेश राऊत, जयश्री राऊत हैं।
कथाकार महाराज ने आगे कहा कि कथा श्रवण से भक्तों का चरित्र भी भगवान शिव ही तरह बनने लगता है। उन्होंने नारद मोह भंग की कथा सुनाई। एक बार नारद को काम-वासना पर विजय पाने का अहंकार हो गया था. उन्होंने भगवान विष्णु के सामने भी अभिमान प्रकट कर दिया. भगवान विष्णु ने सोचा कि भक्त के मन में मोह-अहंकार नहीं रहने देना चाहिए. इसीलिए उन्होंने अपनी माया का प्रपंच रचा।इस कथा से हमें यह शिक्षा मिलती है कि यदि हमारे पास कुछ है, हमने अथक परिश्रम, लगन तथा निष्ठा से कुछ प्राप्त कर लिया है चाहे वह अपार धन हो, शारीरिक शक्ति हो, भरा-पूरा परिवार हो या फिर कोई ऊंची योग्यता, पद या यश हो तो उस पर घमण्ड क्यों करें। सभी से शिव पुराण में बड़ी संख्या में उपस्थिति की अपील की गई है।