नागपुर :- जीएसटी चोरी एक बड़ी समस्या बन गई है. जीएसटी चोरी के अलावा बड़े पैमाने पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के भी मामले आ रहे हैं. केंद्र सरकार ने इसकी गंभीरता को देखते हुए देशव्यापी मुहिम चला रही है.
इसमें लगभग 40,000 करोड़ रुपये के आईटीसी घोटाला का पर्दाफाश हुआ है. केंद्र की ओर से विशेष रूप से अन्वेषण विंग डीजीजीआई की भी स्थापना की गई है. विभाग की ओर से कार्रवाई हो रही है. चोरी भी पकड़ में आ रहा है लेकिन न तो वसूली हो रही है और न ही किसी पर कोई कानूनी कार्रवाई हो रही है न मामले दर्ज किए जा रहे हैं.
नागपुर डीजीजीआई से आईटीआई में मांगी जानकारी में इस बात का खुलासा हुआ है कि 2017 से अब तक कुल 285 मामलों का पर्दाफाश किया गया है. इन मामलों में लगभग 1,400 करोड़ रुपये की कर चोरी होने का खुलासा हुआ है. 1,400 करोड़ के कर चोरी में केवल 62 करोड़ रुपये की वसूली पार्टियों से करने में सफलता मिली है. इससे अंदाज लगाया जा सकता है कि कर चोरी करने वाले कितने मस्त हैं. खुलासा होने के बाद भी उनसे पैसे की वसूली करना मुश्किल है.
39 हुए अब तक गिरफ्तार
विभाग द्वारा आईटीआई कार्यकर्ता संजय थूल को दी गई जानकारी में बताया गया है कि अब तक जो मामले आएं हैं उनमें 39 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वर्तमान में जेल में कोई भी नहीं है. इस संबंध में थूल का कहना है कि विभाग केवल नोटिस जारी कर अपना हाथ झटक देता है. इससे पैसा वसूल होने वाला नहीं है. जीएसटी कानून के तहत गिरफ्तार किया जाता है जिसमें कुछ ही दिनों के अंदर बेल मिल जाती है. अभियुक्तों पर जब तक आईपीसी की धाराओं के तहत मामले दर्ज नहीं किए जाते हैं तब तक चोरी की घटनाओं को रोकना मुश्किल है. इसलिए इस पर निश्चित रूप से ध्यान देने की जरूरत है.