नागपूर :-केन्द्रीय नींबू वर्गीय अनुसंधान केन्द्र अमरावती रोड, नागपुर के ठेका मजदूर प्रति माह 26 दिनों का वेतन पगार से जबरन वसूली और मौसमी महिला मजदूरों (seasonal Ladies contract Labour) को पूरी रोजी देने के लिए आन्दोलन पर थे। केन्द्रीय नींबू वर्गीय अनुसंधान केन्द्र अमरावती रोड, नागपुर ICAR, New Delhi अन्तर्गत संचालित रिसर्च संस्थान है। जिसमें केन्द्रीय सरकार के नियम एवं कायदे लागू किये जाते है।
पिछले अनेकों बार ज्ञापन सौपने के बाद एवं चर्चा के उपरान्त नींबू वर्गीय संस्थान के निदेशक ने 26 दिन का मानधन देने की बात कबूल की थी। पिछले महीने 25 दिन का वेतन भी मिला, बाद में अचानक से इसके बारे में इनकार करने की स्थिति में मजदूर इस बारे में निदेशक से बात करना चाहते थे। लेकिन वह बातचीत ही टालने की कोशिश में है। आज भी हम उनके बातचीत करना चाहते है।
केन्द्र सरकार ने पिछले कुछ सालों में GeM Portal को विकसित किया है। जिसके अन्तर्गत सारी सरकारी खरीददारी और Manpower GeM के माध्यम से लेना अनिवार्य है। GeM की नियम और शर्तों के अनुसार कार्यालय में कार्यरत ठेका मजदूरों को प्रतिमाह 26 दिनों का वेतन, बोनस, EPF, ESI इत्यादि लाभ देना आवश्यक है। केन्द्रीय नींबू वर्गीय अनुसंधान केन्द्र अमरावती रोड, नागपुर में यह प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है और एक ही ठेकेदार को पिछले 20 सालों से ठेका दिया जा रहा है। जो सरकारी आदेश का खुले तौर पर उल्लंघन है। कर्मचारी यूनियन के द्वारा इस मामले को क्षेत्रीय कामगार आयुक्त के पास समझौते के लिए आग्रह किया गया था जहाँ चर्चा के बाद कामगार आयुक्त ने मेनेजमेण्ट, ठेकेदार और मजदूर यूनियन की बैठक दिनांक 12/7/2023 को निर्धारित की है।
क्षेत्रीय कामगार आयुक्त के आश्वासन के बाद केन्द्रीय नींबू वर्गीय अनुसंधान केन्द्र अमरावती रोड, नागपुर में कार्यरत ठेका मजदूर दिनांक 06/7/2023 से काम पर जा रहे है लेकिन मेनेजमेण्ट के द्वारा मुख्य द्वार पर सुरक्षा कर्मी को तैनात किये हुए है जो मजदूरों को काम पर नहीं जाने दे रहे है। आज दिनांक 07/7/2023 को भी मजदूर काम पर गये थे लेकिन उन्हे काम पर नहीं रखा गया । मेनेजमेण्ट के द्वारा ठेकेदार को एक पत्र लिखकर यह सूचित किया है कि निविदा की नियम और शर्तों के अनुसार ठेका मजदूरों को सुविधाए दी जावे। यूनियन के प्रतिनिधियों ने संस्थान के संबंधित अधिकारी से बातचीत की जिन्होंने खुलेतौर यह कहा कि मजदूरों से हमारा कोई लेना देना है नहीं। जबकि इन नियमों को लागू करने की पूरी जिम्मेदारी मेनेजमेण्ट की होती है जो इससे पल्ला झाड़ रहे है। सभी मजदूरों ने 07/7/2023 को उप मुख्य श्रम आयुक्त को निवेदन देकर आग्रह किया है कि वे मेनेजमेण्ट से बातचीत कर इन मजदूरों को वापस काम पर रखा जावे क्योकि ठेकेदार की गलती की सजा इन मजदूरों को नहीं मिलनी चाहिए | परिषदमे गुरुप्रीत सिंग, विश्वनाथ आसई, अरुण लाटकर, राजेश कलमकर,प्रविण रामटेके, प्रवीण मून की मंचपर उपास्थिती थी।