नागपुर – राष्ट्रीय प्रत्यक्ष कर अकादमी (एनएडीटी), नागपुर में 54 भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारियों और 02 रॉयल भूटान सर्विस के अधिकारियों के 74वें बैच का दीक्षांत समारोह शुक्रवार, अर्थात् दिनांक 29 अप्रैल, 2022 को अपराहन 4.00 बजे निर्धारित किया गया है। एम. वेंकैया नायडु, भारत के उप राष्ट्रपति ने इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में सहमति प्रदान की है। भगत सिंह कोश्यारी, महाराष्ट्र के राज्यपाल ने इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में अपनी सहमति प्रदान की है। जे.बी. मोहपात्रा, अध्यक्ष केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे। इस अवसर पर केंद्र और राज्य सरकार के विभिन्न संगठनों के वरिष्ठ अधिकारी और आयकर विभाग, नागपुर के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहेंगे।
राष्ट्रीय प्रत्यक्ष कर अकादमी, नागपुर भारत सरकार के भारतीय राजस्व सेवा (आयकर) अधिकारियों के लिए एक शीर्ष प्रशिक्षण संस्थान है। भारतीय राजस्व सेवा अधिकारियों की भर्ती संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) के माध्यम से की जाती है। सीधी भर्ती वाले भा.रा.से. अधिकारियों को फील्ड ऑफिस में तैनात होने से पहले लगभग 16 महीने के प्रवेश प्रशिक्षण से गुजरना होता है। उनके प्रशिक्षण के दौरान, प्रशिक्षु अधिकारियों को कर प्रशासन के विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षित किया जाता है और उन्हें आयकर विधि, न्यायशास्त्र के साथ-साथ संबद्ध विधि, सामान्य विधि और व्यापार विधि में विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
प्रशिक्षु अधिकारी लेखा और लेखा प्रणाली पर गहन प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। साथ ही, कर-चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग सहित कर मामलों और वित्तीय अपराधों में अन्वेषण के लिए प्रशिक्षु अधिकारियों को तैयार करने के लिए वित्तीय फोरेंसिक और साइबर फोरेंसिक में प्रशिक्षण भी दिया जाता हैं। प्रशिक्षु अधिकारियों को विशेष रूप से करदाता सेवाओं के प्रति संवेदनशील बनाया जाता है जिससे अनुपालन में आसानी होती है। इसके अलावा, प्रशिक्षण के व्यावहारिक पहलुओं में आयकर विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों के साथ-साथ संसद, आरबीआई, सेबी और एनएसडीएल आदि सहित भारत में विभिन्न संवैधानिक / सांविधिक निकायों के साथ सहबद्धता (अटैचमेंट) शामिल है। इसमें अंतर्राष्ट्रीय सहबद्धता का भी एक भाग होता है जिसमें प्रशिक्षु अधिकारी अन्य कर क्षेत्राधिकारों में प्रचलित सर्वोत्तम प्रथाओं से परिचित होते है। यह प्रशिक्षण प्रशिक्षु अधिकारियों को कर अधिकारियों के रूप में कार्य करने और राजस्व वृदधि में योगदान देने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल से सुसज्ज करता है। प्रवेश प्रशिक्षण के सफल समापन पर अर्थात् समावर्तन के उपरांत, प्रशिक्षु अधिकारियों को फील्ड कार्यालयों में सहायक आयकर आयुक्त के रूप में तैनात किया जाता है तथा उन्हें राजस्व संग्रहण का कार्य सौंपा जाता है, जहाँ वे राष्ट्र निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं ।